पटना वीमेंस कॉलेज का फ़रमान, लेगिंस पहनकर कॉलेज आनें पर लगेगा इतने रूपये का फाइन

बिहार के प्रसिद्ध एवं प्रतिष्ठित पटना वीमेंस कॉलेज में पढ़ने वाले छात्राओं पर एक और सख्त नियम का निर्देश जरी हुआ है| अब कॉलेज कैंपस में छात्राएं लेगिंस में नहीं दिखेंगी| कॉलेज ने छात्राओं को लेगिंस पहनकर कॉलेज आने पर प्रतिबंध लगा दिया है| यह ही नहीं बल्कि लेगिंस पहनकर आने पर दंडस्वरूप 500 रुपये फाइन देने होंगे, छह दिनों तक क्लासरूम छोड़ कर कैबिनेट हॉल में बैठना पड़ेगा और एक सप्ताह का अंटेंडेंस भी नहीं बनेगा।

गौरतलब है कि कॉलेज में सलवार, समीज और दुपट्टा पहनकर आना होता है। यह ड्रेस कोड पिछले साल से लागू किया गया है। जो छात्राएं इसका पालन नहीं करती हैं उन्हें कॉलेज कैबिनेट की ओर से दंड भी दिया जाता है। कॉलेज के नियमों के अनुसार अब छात्राओं को केवल सलवार का ही इस्तेमाल करना है।

कई महिला कॉलेजों में वेस्टर्न ड्रेस में भी नजर आती हैं छात्राएं 

महिला कॉलेजों में छात्राओं में अनुशासन व एकरूपता बनाए रखने के लिए ड्रेस कोड का प्रावधान किया गया है। कॉलेजों का मानना है कि ड्रेस कोड होने से अनुशासन का बोध होता है। इसे फॉलो नहीं करने पर कई कॉलेजों में दंड के अलग-अलग प्रावधान किए गए हैं। कुछ छात्राएं इसे आजादी पर प्रतिबंध के रूप में देखती हैं तो कुछ इसे अच्छा भी मानती हैं।

मगध महिला कॉलेज

कॉलेज में शालीन कपड़े पहनने की सलाह के बावजूद कुछ छात्राएं ऐसी टी-शर्ट पहनकर आ रही थीं जिनपर स्लोगन भी लिखे होते थे। मना करने के बावजूद ऐसी ड्रेस पहनकर आने पर निर्देश जारी किया गया। यह तय हुआ कि कैबिनेट की सदस्य और शिक्षक अपनी तरफ से पहल कर उन छात्राओं को क्लास रूम में प्रवेश करने से रोकेंगी, जो इस तरह की ड्रेस पहनकर आएंगी। कॉलेज में सेलफोन इस्तेमाल करना भी मना है। कॉलेज में पहले से भी ब्लेजर पहन कर आना था, पर कई छात्राएं इस निर्देश का पालन नहीं करती थीं।

गंगा देवी कॉलेज

ड्रेस कोड के तौर पर सलवार-कमीज व दुपट्टा अनिवार्य है। कॉलेज में दो तरह का ड्रेस कोड है। बीसीए, बीबीएम के लिए अलग व बाकी कोर्सों के लिए अलग ड्रेस कोड। शनिवार को कॉलेज में ड्रेस फॉलो नहीं करने की भी आजादी दी गई है। पर कई ऐसी छात्राएं हैं जो नियमों को नहीं मानती हैं। क्लास में फोन का इस्तेमाल करना मना है।

अरविंद महिला कॉलेज

कॉलेज में ब्लू कमीज और गुलाबी सलवार दुपट्टा ड्रेस कोड के तौर पर अनिवार्य है। लेकिन यह केवल नाम का है। यहां अधिकतर छात्राएं ऐसी हैं जो ड्रेस कोड फॉलो नहीं करती हैं। वैसे ड्रेस कोड फॉलो नहीं करने वाली छात्राओं को कॉलेज में नहीं घुसने देने का निर्देश है, पर चेतावनी देकर छोड़ दिया जाता है। क्लास में मोबाइल का इस्तेमाल मना है।

जेडी वीमेंस कॉलेज

कॉलेज में चार अलग-अलग ड्रेस कोड लागू हैं। एमए के लिए सलवार चुन्नी दुपट्टा, एमबीए व एमसीए विभाग के लिए शर्ट, पैंट व स्कार्फ, बीसीए व बीबीएम के लिए व्हाइट सलवार-कमीज दुपट्टा और अन्य कोर्स की छात्राओं के लिए मरून कमीज व व्हाइट सलवार दुपट्टा। पर कई छात्राएं फॉलो नहीं करतीं हैं। दंड स्वरूप क्लास न करने देने की बात कॉलेज प्रशासन की ओर से कही जाती है। यहां जीरो जोन में सेलफोन का इस्तेमाल करने की इजाजत है।

वीमेंस ट्रेनिंग कॉलेज

वीमेंस ट्रेनिंग कॉलेज में कोई फिक्स्ड ड्रेस कोड नहीं है। हां, वेस्टर्न ड्रेस पहनकर आने पर प्रतिबंध है।

क्या कहतीं है छात्राएं?

’ मगध महिला कॉलेज : फाइनल ईयर की छात्रा स्नेहा का कहना है कि जब छात्राएं हायर एजुकेशन की तरफ बढ़ती हैं तो उन्हें छूट भी देनी चाहिए। ड्रेस कोड लागू करना सही नहीं। सेकेंड ईयर की प्रियंका का मानना है कि कोएड कॉलेज में ये नियम थोड़े ठीक हैं, पर गर्ल्स कॉलेजों में ऐसे नियम बनाने का कोई मतलब नहीं बनता है।

’ जेडी वीमेंस कॉलेज : फर्स्ट ईयर की छात्रा शेफाली का कहना है कि कॉलेज में अलग-अलग रंगों के कपड़े पहनकर आने देना चाहिए। सेकेंड ईयर की रूपा के अनुसार कॉलेज में ड्रेस कोड होना चाहिए, ताकि सभी एक तरह की दिखें।

’ अरविंद महिला कॉलेज: फर्स्ट ईयर की नेहा का कहना है कि कॉलेज में स्कूलों की तरह ड्रेस कोडहैं, जो गलत है। फाइनल ईयर की दीप्ति ने बताया कि ये छात्राओं की आजादी छीनने के बराबर है।

’ गंगा देवी कॉलेज: सेकेंड ईयर की अंजलि का मानना है कि पढ़ने और अनुशासित रहने के लिए सख्ती जरूरी है।
कॉलेज में सभी छात्राएं अनुशासित रूप में आएं, इसलिए ब्लेजर अनिवार्य किया गया है। पर कुछ छात्राएं टी-शर्ट और छोटी कमीज पहनकर आ जाती हैं जो कॉलेज के महौल के लिए ठीक नहीं है।

 

Search Article

Your Emotions