Exclusive : महज 14 वर्ष के उम्र में टीवी जगत के सबसे बड़े रियलिटी शो के फर्स्ट रनरअप रहे बिहार के लाल केशव त्योहार
टीवी जगत् के सबसे लोकप्रिय कार्यक्रम में से एक जी सारे गामा पा लिट्ल चैंप सीजन 5 में अपनी बेहतरीन गायकी की बदौलत लिटिल चैंपियनशिप प्रतियोगिता में प्रथम रनर अप रहने वाले बिहार के होनहार गायक केशव त्योहार ने महज 14 वर्ष की छोटी उम्र में बिहार का नाम रौशन किया था। इस प्रतियोगिता में देश भर से चुनिंदा बाल कलाकारों ने भाग लिया था। चोटी की टक्कर थी जिसमें केशव ने शुरू से ही अपनी छाप छोड़ रखी थी। प्रतियोगिता के दौरान प्रख्यात गायिका आशा भोंसले उसकी गायकी की कायल हो गयी थी। उन्होंने उसकी गायकी की खुल कर तारीफ की थी। उसे चैंपियन के पद का बड़ा सशक्त दावेदार माना जा रहा था। वैसे फाइनल में प्रतिद्वंद्वी भी सशक्त थे। अपना कमाल दिखाते हुए केशव ने दर्शकों-श्रोताओं और सभी जजों का दिल जीत लिया था और साथ ही रनर अप का खिताब अपने नाम कर लोगों को दिखाया था की संसाधन के आभाव होने के बावजूद बिहारी अपनी मेहनत के बदौलत कैसे हर क्षेत्र में कमाल मचा रहे हैं। बधाई केशव ! हमें आप पर गर्व है।
पेश है इस चमकते बाल कलाकार के साथ अपना बिहार की खास बातचीत।
इतनी कम उम्र में इतना बड़ा मुकाम कैसे हासिल हुआ ?
नहीं ऐसा कुछ भी नहीं है, अभी तो बस सफर की शुरुआत हुई है। वर्ष 2013 की बात है पटना के एसके मेमोरियल में एक म्यूजिक रियलिटी शो हुआ था जिसका मैं विनर था इसी शो के फिनाले तक पहूँचने वाली एक कंटेस्टेंट ने एक दिन मुझे कॉल करके सारे गामा पा के औडिशन के बारे में मुझे बताया, एक महिने तक औडिशन चला और फिर मेरा चयन हुआ और मैने अपना बेस्ट करने का हरसंभव प्रयास किया और मैं इस रियलिटी शो का फर्स्ट रनर अप रहा।
आप जिस उम्र के हो उस उम्र में बच्चे लोग को अक्सर पैरेंट्स पढाई पर ध्यान केंद्रित करने कहते हैं ऐसे में आप अपना ज्यादा समय म्यूजिक पर कैसे दे पाते हैं ?
नहीं मेरे साथ ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। मेरे मम्मी – पापा काफी सपोर्ट करते हैं। बचपन से ही मुझे खेलने के लिए खिलौने के जगह पर म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट मिला और खेलते – खेलते सबकुछ सिखा। और जाहिर है सारे गामा पा के ग्रांड फिनाले तक पहुँचने के बाद इनका मेरे ऊपर विश्वास और भी बढ़ा।
म्यूजिक के अलावा पढ़ाई – लिखाई कैसी चल रही है ?
बढ़िया। इस बार दिल्ली पब्लिक स्कूल, पटना से दसवीं 9.6 सीजीपीए अंक के साथ पास किया और आगे की पढाई फिलहाल पटना से ही जारी रहेगी।
आपके इंसपीरेशन
मेरे मम्मी – पापा मेरी इंसपिरेशन है। मेरी मम्मी खुद म्यूजिक फिल्ड से है। वो एक म्यूजिक टीचर है। इसके अलावा मेरा छोटा भाई काफी सपोर्टिव है, हमेशा मेरे साथ रहता है और मेरा हौशला बढ़ाता है।
आप किस सिंगर को अपना आईडल मानते हैं ?
म्यूजिक इंडस्ट्री का कोई ऐसा सिंगर नहीं है जिसका सबकुछ मुझे अच्छा लगता हो। कुछ खामियां तो सबमें होती है। मैं खामियों को हटाकर सब में जो अच्छाइयां है उससे कुछ सिखने का कोशिश करता हूँ।
बिहार सरकार की ओर से कोई मदद मिल रही है ?
बिहार टूरिज्म की ओर से आयोजित होने वाले लाईव शो में अक्सर मौका मिलते रहता है।
बिहार में क्या कुछ कमी महसूस होती है ?
हाँ ये तो सच्चाई है कि बिहार में बहुत कुछ की कमी है और म्यूजिक के फिल्ड के लिए तो यहाँ कुछ भी नहीं है। संसाधन के घोर आभाव हैं वरना किसी का शौक नहीं होता की अपना राज्य छोड़कर मुंबई जाकर सबकुछ करे।
बिहारी होने के कारण अक्सर लोगों के साथ भेदभाव किया जाता है। क्या आपके साथ भी ऐसा कुछ हुआ ?
हाँ शो में मेरे साथ भी पहले ऐसा ही हुआ। शुरुआत में लोग मुझे अलग नजरिये से देखते थे, मुझे भोजपुरी गाने को कहते थे और वास्तविकता ये है कि मुझे भोजपुरी आती नहीं थी। मैं जब अंग्रेज़ी बोलता था तो वे सब आश्चर्य करते थे उन्हें लगता था एक बिहारी अंग्रेज़ी कैसे बोल सकता था।
आपके फर्स्ट रनरअप बनने के बाद कई बाल कलाकार आपके नक्शे कदम पर चलते हुए म्यूजिक की फिल्ड में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं उनके के लिए कोई खास संदेश ?
जो लोग म्यूजिक की फिल्ड में बेहतर करना चाहते हैं उनको मैं पूरे मेहनत और लगन के साथ तैयारी करने की सुझाव देता हूँ। साथ ही उनको कहूंगा खुद पर भरोसा जरूर रखें क्योंकि जबतक आप अपने उपर भरोसा नहीं करते है तबतक आपको सफलता नहीं मिलती।