बिहार को सबसे ज्यादा बदनाम करने वाला ‘चारा घोटाला’ एक महाघोटाला है, जानिए पूरा मामला
चारा घोटाला मामले में लालू यादव को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की दलील मानी है. कोर्ट ने कहा है कि हर केस में अलग-अलग ट्रायल होगा. अब लालू प्रसाद के खिलाफ आपराधिक साजिश का केस चलेगा.
चारा घोटाला, बिहार में महाघोटाला कहलाता है। वजह, सिर्फ इसमें शामिल रकम (950 करोड़) नहीं है, बल्कि इससे जुड़ा सबकुछ व्यापक रहा है।
21 साल गुजर चुके हैं। सीबीआई को दस्तावेज के लिए 11 करोड़ पन्नों की फोटोकॉपी करानी पड़ी। इसके 978 आरोपी व 8 हजार गवाह रहे। जांच में सीबीआई के 400 अफसर लगे। 70 से ज्यादा जज इस मामले की सुनवाई कर चुके हैं।
पढ़ें आखिर क्या है ये मामला, और इसमें कब-क्या हुआ ?
जनवरी, 1996 : उपायुक्त अमित खरे ने पशुपालन विभाग के दफ्तरों पर छापा मारा और ऐसे दस्तावेज जब्त किए जिनसे पता चला कि चारा आपूर्ति के नाम पर अस्तित्वहीन कंपनियों द्वारा धन की हेराफेरी की गई है, जिसके बाद चारा घोटाला सामने आया.
11 मार्च, 1996 : पटना उच्च न्यायालय ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को इस घोटाले की जांच का आदेश दिया, उच्चतम न्यायालय ने इस आदेश पर मुहर लगाई.
27 मार्च, 1996 : सीबीआई ने चाईंबासा खजाना मामले में प्राथमिकी दर्ज की.
23 जून, 1997 : सीबीआई ने आरोप पत्र दायर किया और लालू प्रसाद यादव को आरोपी बनाया.
30 जुलाई, 1997 : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद ने सीबीआई अदालत में आत्मसमर्पण किया. अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा.
5 अप्रैल, 2000 : विशेष सीबीआई अदालत में आरोप तय किया.
5 अक्टूबर, 2001 : उच्चतम न्यायालय ने नया राज्य झारखंड बनने के बाद यह मामला वहां स्थानांतरित कर दिया.
फरवरी, 2002 : रांची की विशेष सीबीआई अदालत में सुनवाई शुरू हुई.
13 अगस्त, 2013 : उच्चतम न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई कर रही निचली अदालत के न्यायाधीश के स्थानांतरण की लालू प्रसाद की मांग खारिज की.
17 सितंबर, 2013 : विशेष सीबीआई अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.
30 सितंबर, 2013 : बिहार के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों- लालू प्रसाद और जगन्नाथ मिश्र तथा 45 अन्य को सीबीआई न्यायाधीश प्रवास कुमार सिंह ने दोषी ठहराया.
3 अक्टूबर, 2013 : सीबीआई अदालत ने लालू यादव को पांच साल के कारावास की सजा सुनाई, साथ ही उन पर 25 लाख रुपए का जुर्माना भी किया है. लालू यादव को रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद किया गया था.
चारा घोटाला में लालू पर 6 मामले लंबित
चारा घोटाला में लालू यादव पर 6 अलग-अलग मामले लंबित हैं और इनमें से एक में उन्हें 5 साल की सजा हो चुकी है. इस घोटाले से जुड़े 7 आरोपियों की मौत हो चुकी है जबकि 2 सरकारी गवाह बन चुके हैं और एक ने अपना गुनाह कबूल कर लिया और एक आरोपी को कोर्ट से बरी किया जा चुका है.