बिहार की शालिनी आगामी 18 मार्च तक 15 दिनों के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के मेहमान बनेगी।
राष्ट्रपति भवन में ठहरने वाले नवोन्मेषकों, लेखकों और कलाकारों में नगालैंड के मोआ सुबोंग, तमिलनाडु के आकाश मनोज, कर्नाटक के गिरिश बडरागोड, गुजरात के मनसुखभाई प्रजापति, राजस्थान के सुभाष ओला व संतोष प्रचार, गुजरात के परेश पंचाल और बासमती चावल की उच्च पैदावार की किस्म विकसित करने वाले हरियाणा के सुरजीत सिंह शामिल हैं।
राष्ट्रपति ने 2013 में नवोन्मेषकों, लेखकों और कलाकारों के लिए राष्ट्रपति के दरवाजे खोले थे। तब से हर वर्ष देश के विभिन्न हिस्सों के नवोन्मेषक, लेखक और कलाकार यहां ठहरते रहे हैं।
बुजुर्गों को राहत दी बिहार की शालिनी
शालिनी के स्टेयर्स वॉकर से बुजुर्गों को सीढ़ियां चढ़ने-उतरने में काफी सुविधा होती है। शालिनी के दादा को एक दुर्घटना में पैर खराब होने के बाद उन्हें सीढ़ियां चढ़ने में परेशानी होती थी। उनकी परेशानी देखकर शालिनी ने वॉकर के डिजाइन में बदलाव कर ऐसा वॉकर तैयार किया, जिससे उसके दादा आसानी से सीढ़ियां चढ़ने-उतरने लगे।
बायोगैस को लाना और ले जाना आसान बनाया
अजय ने सूझबूझ से बायोगैस को एलपीजी की तरह सिलेंडर में भरकर एक जगह से दूसरी जगह ले जाना आसान कर दिया। अमूमन बॉयोगैस प्लांट को रसोई गैस के आसपास बनाया जाता है, क्योंकि उसको एलपीजी की तरह एक जगह से दूसरी जगह तक ले नहीं जाया जा सकता।