बिहारी बोझ नहीं हैं, बल्कि जहां रहते हैं वहां का बोझ अपने कंधे पर उठाते हैं- सीएम नीतीश कुमार

ुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार दिवस समारोह का बुधवार संध्या गांधी मैदान में उद्घाटन करते हुए आह्वान किया कि बिहार के लोग तन्मयता एवं मजबूती से देश की सेवा करें और देश का नाम रोशन करें।

उन्होंने कहा कि देश के जिस कोने में चले जाएं, वहां आपको बिहारी मिल जाएंगे। ये किसी पर बोझ नहीं हैं, बल्कि जहां रहते हैं, वहां का बोझ अपने कंधे पर उठाते हैं। दिल्ली में तो इतने बिहारी हैं कि अगर वह ठान लें कि आज काम नहीं करेंगे तो पूरी दिल्ली ठप हो जाएगी। बिहार दिवस केवल बिहार में ही नहीं, बल्कि बिहार के बाहर भी बिहारी बड़े आनंद से मनाते हैं। उन्होंने विपक्ष की चर्चा किए बिना सभी से मिलजुल कर बिहार को आगे बढ़ाने की अपील की। उन्होंने कहा कि कक्षा एक से आठवीं तक बिहार की मूल्यांकन प्रणाली को देश में सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इसके लिए राज्य को स्कॉच स्मार्ट एजुकेशन गोल्ड अवार्ड मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने में शिक्षा विभाग की अहम भूमिका हैशराब के खिलाफ गांव-गांव में माहौल बना हुआ है। शराबबंदी सिर्फ कानून बना देने से नहीं होगा। यह काम जनसहयोग से ही सफल हो सकेगा। राज्य शराबबंदी से अब पूर्ण नशाबंदी की ओर बढ़ चुका है। चंपारण यात्रा शताब्दी समारोह का थीम भी नशाबंदी होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चंपारण यात्रा के सौ वर्ष पूरे होने पर प्रदेश में एक साल तक विशेष कार्यक्रम होंगे, जिसकी शुरुआत 10 अप्रैल से होगी। 10-11 अप्रैल को पूरे देश के गांधीवादी विचारकों को विमर्श के लिए आमंत्रित किया गया है। 15 अप्रैल को मोतिहारी से पद्यात्रा आरंभ होगी। 17 अप्रैल को स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भाग लेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को भी आमंत्रित किया गया है। गांवों में गांधी के विचारों पर आधारित फिल्म दिखाई जाएगी। स्कूलों में गांधी के विचार पढ़ाए जाएंगे। आज दुनिया में जिस प्रकार से असहिष्णुता बढ़ गई है उसमें आवश्यक है कि गांधी के विचारों को अधिक से अधिक प्रचारित एवं प्रसारित किया जाए। उन्होंने कहा कि बिहार दिवस समारोह की तरह ही इस कार्यक्रम के आयोजन का जिम्मा शिक्षा विभाग को दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले वित्तीय वर्ष के आरंभ होने से पहले स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना की समीक्षा की जाएगी। देखा जाएगा कि दलित, पिछड़े एवं अतिपिछड़े छात्र अपेक्षित अनुपात में लाभान्वित हो रहे हैं कि नहीं। उनके लिए पूर्व की भांति स्कॉलरशिप भी जारी रखी जाएगी, लेकिन इसे आप्शनल बना दिया जाएगा। वे चाहेंगे तो स्कालरशिप लेंगे या स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ। कुछ लोग इस मुद्दे को लेकर नाहक भ्रम फैला रहे हैं। उन्होंने प्रकाश पर्व एवं बोधगया में आयोजित काल चक्र पूजा की चर्चा करते हुए कहा कि इनके सफल आयोजन से देश-दुनिया में बिहार की बहुत अच्छी छवि बनी है।

Search Article

Your Emotions