लालकिले पर गूंजेंगे बिहार के इस युवा कवि के स्वर
कहते हैं, लालकिला देश को आवाज़ देता है। हर उठते स्वर को पहचान यहीं से मिलती है। राष्ट्रकवि दिनकर के जमाने से यहाँ बिहारियों ने अपनी बात देश के सामने रखी है। इस बार फिर बारी है एक बिहारी की जो लालकिला से अपने कलम की आवाज़ बुलंद करने को तैयार है।
लालकिले का ये वही मंच है जिस पर कभी जवाहर लाल नेहरू के कदम डगमगाए थे और राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने उन्हें संभाला था- उसी वक्त दिनकर ने कहा कि राजनीति जब-जब लड़खड़ाती है, साहित्य उसे संभालता है । राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होनेवाली एक साहित्यिक परंपरा के तौर पर हिन्दी अकादमी दिल्ली हर साल गणतंत्र महोत्सव के मौके पर राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन करता है। इस साल यह कवि सम्मेलन 4 फरवरी को 15 अगस्त मैदान लाल किले दिल्ली में इसका आयोजन होगा। इस राजकीय और ऐतिहासिक मंच से रामधारी सिंह दिनकर, मैथिलीशरण गुप्त, शिवमंगल सिंह सुमन, हरिवंश राय बच्चन जैसे राष्ट्रकवियों ने काव्य पाठ किया है। अब 4 फरवरी को इसी मंच से देश के युवा कवि आदर्श कुमार इंकलाब काव्य पाठ करेंगे । आदर्श कुमार इंकलाब की कविताएं जापान समेत कई देशों में मशहूर हैं । उनके काव्य संग्रह ‘अक्षर अक्षर आदर्श’ को देश के युवाओं ने हाथों-हाथ लिया था । आदर्श छंदयुक्त, छंदमुक्त, गजल और मुक्तक- हर विधा में लिखते हैं । ‘अदा’, ‘पैकेज’, ‘मौसम’, ‘मेरा खून खौलता है’ कविताओं के जरिए आदर्श अक्सर कवि गोष्ठियों में खूब तालियां बटोरते हैं । बताते चलें आदर्श सीतामढ़ी शहर से सटे मधुबन, चकमहिला गाँव के निवासी हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में गोल्ड मेडलिस्ट रह चुके आदर्श पिछले 11 सालों से एबीपी न्यूज़ चैनल (पहले स्टार न्यूज़) में कार्यरत हैं। युवा कवि आदर्श कुमार इंकलाब के मुताबिक कुंवर बेचैन, विष्णु सक्सेना, शंभू शिखर, संपत सरल, सुरेंद्र दूबे, कविता किरन, सुरेश नीरव जैसे दिग्गज कवियों के साथ लाल किले के ऐतिहासिक मंच से कविता पाठ करना वाकई अनूठा अनुभव होगा ।
इस बार लाल किला कवि सम्मेलन का उद्घाटन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल करेंगे। वहीं दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे । विशिष्ट अतिथि के तौर पर कुमार विश्वास शामिल होंगे तो दिल्ली के कला, संस्कृति, भाषा और पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा इस कार्यक्रम में खास तौर से मौजूद रहेंगे । कार्यक्रम की अध्यक्षता मशहूर शायर ताहिर फराज करेंगे- वहीं कवि सम्मेलन के संचालन की जिम्मेदारी रास बिहारी गौड़ करेंगे । मौके पर हिंदी अकादमी की उपाध्यक्ष मैत्रेयी पुष्पा भी मौजूद रहेंगी ।
बता दें कि लाल किले पर कवि सम्मेलन की परंपरा देश में गणतांत्रिक व्यवस्था लागू होने के तुरंत बाद पंडित जवाहर लाल नेहरू के शासनकाल में शुरू हुई थी । नेहरू जी के बारे में ये कहा जाता था कि कि वे अगर प्रधानमंत्री ना होते थे तो मशहूर साहित्यकार होते । उन दिनों मैथिली शरण गुप्त, रामधारी सिंह दिनकर, सोहनलाल द्विवेदी जैसे राष्ट्रीय चेतना के ओजस्वी कवि मौजूद थे, जिनकी वीरता भरी आवाज ने आजादी के आंदोलन में आग में घी का काम किया था । पंडित नेहरू खुद पूरे दल-बल के साथ लाल किले के कवि सम्मेलन में महाकवियों को सुनने आते थे। आकाशवाणी और दूरदर्शन के सभी केंद्र उसका सीधा प्रसारण करते थे । एक बार फिर दिल्ली और आसपास के कवि प्रेमी 4 फरवरी को काव्य पाठ की उसी महान परंपरा का हिस्सा बनेंगे।
देश के राष्ट्रीय चैनल दूरदर्शन पर आप भी इस कविता पाठ का आनंद उठा सकते हैं, 4 फरवरी रात 8 बजे से।