प्रायः जब कभी भी मुखिया, विधायक या किसी जनप्रतिनिधि की बात होती है तो उनके भष्टाचार और उनके द्वारा किये जा रहे अनियमितताओं की बात ही ज्यादा होती है मगर अभी भी कुछ ऐसे जनप्रतिनिधि देश में है जो अपने काम, ईमानदारी और समाज को बदल देने के इच्छाशक्ति के कारण औरों के लिए मिसाल कायम कर रहें हैं । इन्ही में से एक है अपने बिहार के सीतामढ़ी जिले के सोनबरसा प्रखंड की सिंहवाहिनी पंचायत की मुखिया रितु जायसवाल जो मुखिया चुनें जाने के बाद से ही अपने किये कामों के कारण देशभर में चर्चा का विषय बनीं हुई है।
रितु जायसवाल को इस साल का उच्च शिक्षित आदर्श युवा सरपंच (मुखिया) पुरस्कार से नवाजा गया है। बुधवार को महाराष्ट्र के पुणे के एमआईटी कैंपस में उन्हें यह पुरस्कार एमआईटी के भारतीय छात्र संसद में दिया गया। समारोह में देश के कुल सात मुखियों को यह अवार्ड मिला।
रितु सम्मान ग्रहण करने वाली बिहार की अकेली मुखिया हैं। महाराष्ट्र व केन्द्र सरकार के युवा खेल कल्याण व उच्च तकनीक शिक्षा मंत्रालय द्वारा संपोषित इस पुरस्कार समारोह में महाराष्ट्र के सीएम देेवेन्द्र फडनवीस, योगगुरु बाबा रामदेव, केन्द्रीय मंत्री विजय गोयल, जम्मू कश्मीर विधानसभा के डिप्टी चेयरमैन मो. जहांगीर हुसैन मीर, भारतीय छात्र संसद के समन्वयक राहुल कराद के अलावा यूनेस्को के चेयर होल्डर विश्वनाथ कराद उपस्थित थे।
मालूम हो कि मुखिया रितु जायसवाल को यह पुरस्कार सिंहवाहिनी पंचायत में उनके विशिष्ट कार्यों को लेकर दिया गया। उन्होंने पंचायत में गरीब तबके के बच्चों के लिए नि:शुल्क शिक्षा, पंचायत में 1461 शौचालय व बिजली आपूर्ति आदि की व्यवस्था कराई है।
अपने इस उपलब्धि पर रितु जायसवाल ने कहा “यह कोई अवार्ड नहीं, बल्कि हमारे ग्राम पंचायत सिंहवाहिनी के समस्त लोगों के बदलाव को ले कर किए गए अथक प्रयास के लिए एक सम्मान का प्रतीक है | और हमारे लिए आप सब के शुभकामनाओं और प्रेरक शब्दों का एक सकारात्मक प्रतिबिम्ब है | “