इस बिहारी ने हिन्दी साहित्य के सुप्रसिद्ध कवियों की कविताओं को लयबद्ध कर अपना स्वर दिया है
खगडिया ( मुकेश कुमार मिश्र ):- “आग है पानी है मिट्टी है हवा है मुझमें, और फिर मानना पड़ता है खूदा हैं मुझमें” वास्तव में खगडिया जिले के परवत्ता प्रखंड सियादतपुर अगुवानी पंचायत अंतर्गत डुमरिया बुजुर्ग गांव निवासी 55 वर्षीय डा० अजय राय के स्वर को माँ सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त है। डा० अजय राय देश के एकलौते संगीतज्ञ एवं गायक हैं जिन्होंने भारतीय हिन्दी साहित्य के सुप्रसिद्ध कवियों की कविताओं को लयबद्ध एवं संगीतबद्ध कर अपना स्वर दिया है। उनकी यह उपलब्धि खगडिया जिला ही नहीं बल्कि बिहार के लिए यह एक गौरव की बात है।
डा० अजय राय बचपन से ही कवियों की कविताओं को संगीत की तरह पढते थे। बचपन से ही उन्हें शास्त्रीय संगीत से काफी लगाव था। उन्होंने हिन्दी से पीएचडी ओर संगीत से एम ए किए हैं। उन्होंने भागलपुर, कोलकाता, चन्डीगढ में उच्च शिक्षा प्राप्त किया ।आज श्री जैन हावड़ा विद्यालय में हिन्दी विभाग के वरीय अध्यापक पद पर कार्यरत हैं और कोलकाता हावड़ा में शांति निकेतन भारतीय सुर मंडल अकादमी नामक संस्था चलाकर छात्र, छात्राओं एवं आम लोगों को हिन्दी की कविताओं एवं संगीत की नि:शुल्क शिक्षा दे रहे हैं। हिन्दी के साथ साथ उर्दू पर समान पकङ रखने वाले डॉ राय उर्दू की श्रेष्ठ रचना को भी लयबद्ध कर अपना स्वर दिया है। वे पंडित अमर नाथ जी को अपना गुरु मानते हैं।श्री राम भारती कला केन्द्र दिल्ली में पंडित अमर नाथ जी से शास्त्रीय संगीत की शिक्षा प्राप्त किया।
डाक्टर अजय राय भारत के सुप्रसिद्ध कवि जयशंकर प्रसाद,सूर्यकांत त्रिपाठी निराला,महादेवी वर्मा,हरिवंश राय बच्चन,नीरज, गोपाल सिंह नेपाली,बुद्धि नाथ मिश्र,रामानाथ अवस्थी, केदारनाथ अग्रवाल,बाबा नागार्जुन आदि कवियों की कविताओं को लयबद्ध कर अपना स्वर दिया है। 2012 ई० में सुप्रसिद्ध कवि गोपाल सिंह नेपाली के 100 वां जन्म शताब्दी में राष्ट्रपति भवन में मनाया गया था। जिसमें डा० अजय राय की गायन से लोग काफी प्रभावित हुए। गजल सम्राट जगजीत सिंह प्रथम स्मृति सम्मान ( देवघर झाडखंड ) के अलावा कई सम्मान पा चुके डा० अजय राय पर खगडिया ही नहीं बल्कि बिहार के लोगों को गर्व है। उनका पूरा परिवार संगीत एवं साहित्य से जुङा हुआ हैं।भारत के पचासवें स्वतंत्रता दिवस पर पटना के कृष्ण ममोरियल हॉल में तीन देशों भारत, पाकिस्तान,एवं बंगालदेश के सुप्रसिद्ध संगीतज्ञों कलाकारों ने अपना जलवा को दिखाया।इस कार्यक्रम में भारत की ओर से डा० अजय राय ने अपने गीत संगीत से लोगों को अचंभित कर दिया था। इस कार्यक्रम में पाकिस्तान की ओर से सुप्रसिद्ध गायिका मल्लिका पोखराज ओर पाकिस्तानी लोक गायिका रेशमा ने भी अपनी कला को प्रस्तुत की थी। आकाशवाणी एवं दूरदर्शन आदि अन्य चैनलों पर अकसर दिखने वाले डाo अजय राय आज भी आकाशवाणी भागलपुर से जुड़े हुए हैं।
उनका सुपर हिट ओडियो कैसेट ” तेरा इंतजार है हमें” “अनुभूतियों”,”अनहद नाद तुलसी” “कवीर”,”बीती विभावरी” आदि चर्चित है।भारत सरकार के द्वारा जारी किया गया ओडियो कैसेट कवि सूर्य कांत त्रिपाठी निराला की चर्चित कविता ” जागो फिर एक बार” में डाक्टर अजय राय का ही स्वर है। वे देश के हर राज्य में अपने संगीत से लोगों का दिल जीत चुके हैं। डाक्टर राय की पत्नी विश्व भारती विश्वविद्यालय शांति निकेतन (पश्चिम बंगाल ) में सीनियर प्रोफेसर पद पर कार्यरत हैं तथा पुत्र डॉ आनन्द वर्धन उसी विश्वविद्यालय से शास्त्रीय संगीत से पीएचडी कर चुके हैं।भाव संगीत के सुविख्यात संगीतज्ञ डा० अजय राय ने बताया कि लोगों को अपनी मातृभाषा को सदैव अपना कर कर्ज उतारना चाहिए। जियेगें मातृभाषा भाषा के लिए ओर मरेगें भी मातृभाषा के लिए।डुमरिया बुजुर्ग की धरती से उठकर संगीत जगत पर एक नई विधा के साथ अपनी खास पहचान बनाने वाले डॉ अजय राय की इस खासियत से आज भी अधिकांश लोग नावाकिफ हैं।