भाजपा ने नित्यानंद राय को ही क्यों बिहार प्रदेश अध्यक्ष बनाया ?
उजियारपुर से सांसद नित्यानंद राय का नये बिहार भाजपा अध्यक्ष चुने जाने के बाद आज पटना भाजपा ऑफिस में ताजपोशी किया गया।भाजपा कार्यालय में कार्यकर्ताओ ने नित्यानंद राय का किया जोरदार स्वागत। मौके पर सुशील मोदी, नंदकिशोर , मंगल पांडेय सहित राज्य के तमाम नेता मौजूद थे।
उजियारपुर के भाजपा सांसद नित्यानंद राय को बिहार भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष का आलाकमान दिया गया है। बिहार में इन दिनों चल रहे राजनीतिक उठापटक के बीच यह दिलचस्प बदलाव है।
हालांकि नित्यानंद राय बहुत जानी-मानी हस्ती नहीं हैं। वे पहले हाजीपुर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं। साल 2000 से 2010 के बीच लगातार चार बार विधायक चुने गये। 2014 में उन्हें उजियारपुर लोकसभा का टिकट मिला।जहाँ उन्होनें राजद के दिग्गज नेता वर्तमान के सहकारिता मंत्री अलोक कुमार मेहता को हराकर विजयी रहे।
सबसे रोचक बात ये है कि नित्यानंद राय यादव जाति से हैं। इसके पीछे पार्टी की रणनीति यह मानी जा रही है कि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद से नंदकिशोर यादव के
हटाए जाने के बाद यादवों को फिर से रिझाने की कोशिश है। बीजेपी को लगता है कि यादव के समर्थन के बिना बिहार में पार्टी सरकार बनाने में असफल हो सकती। उनके इस चयन से भाजपा के बिहार में आगामी स्टैंड का अनुमान लगाया जा सकता है।
नित्यानंद ने राजनीति की शुरुआत छात्र जीवन से ही एबीवीपी के साथ की थी। 2000 में भाजपा के टिकट पर हाजीपुर से विधायक चुने गए और लगातार चार बार अपनी सीट पर कायम रहे। लोकसभा चुनाव में उन्हें उजियारपुर से सांसद प्रत्याशी बनाया गया और वे भारी मतों से जीत कर संसद पहुंचे हैं। वे संसद में कृषि मामलों की स्टैंडिंग कमिटी के सदस्य भी हैं।
नित्यानंद की छवि दागदार नहीं है। हालांकि एक बार उन पर सरकारी सेवक को धमकाने के आरोप में मुकदमा हुआ है, मगर चार्ज फ्रेम नहीं हो पाया। उन्होंने 2014 के चुनाव के वक्त अपनी कुल संपत्ति 5.33 करोड़ रुपये घोषित
की हुई थी। नए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नित्यानंद राय पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के समर्थक माने जाते हैं। उनकी ताजपोशी के साथ यह तस्वीर भी साफ हो गई कि बिहार भाजपा पर सुशील मोदी का वर्चस्व कायम है।