शराबबंदी के बाद बिहार में गिरा अपराध का ग्राफ : नीतीश कुमार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश में शराबबंदी के बाद से पिछले सात महीने में लोगों की खुशहाली बढ़ने का दावा करते हुए बुधवार को कहा कि पिछले वर्ष 2015 के अप्रैल से नवंबर की तुलना में 2016 में इस अवधि के दौरान दो, तीन और चार पहिया वाहन की बिक्री बढ़ गयी है. अपनी निश्चय यात्रा के क्रम में बुधवार को अररिया जिला में एक ‘चेतना सभा’ को संबोधित करते हुए नीतीश ने बिहार में शराबबंदी के बाद से पिछले सात महीने में लोगों की खुशहाली बढ़ने का दावा किया है. उन्होंने कहा कि इस साल अप्रैल से नवंबर तक के आंकड़े को देखें, तो पिछले साल की तुलना में दो, तीन और चार पहिया वाहन की बिक्री बढ़ी है. इसके साथ उन्होंने यह भी दावा किया है कि शराबबंदी के बाद से बिहार में अपराध का ग्राफ भी गिरा है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी के बाद से पिछले सात महीने के दौरान चार पहिया वाहनों में कार और ट्रैक्टर बिक्री 29 फीसदी तथा मोटरसाइकिल और ऑटोरिक्शा की बिक्री 31.6 फीसदी बढ़ी है. नीतीश कुमार ने दोहराया कि शराबबंदी के बाद से प्रदेश में दूध की बिक्री में 11 फीसदी की वृद्धि हुई है. इसके साथ ही, रसगुल्ले, पेड़े और गुलाब जामुन आदि मिठाई की बिक्री 15 फीसदी से अधिक बिक्री बढ़ी है. उन्होंने कहा कि सिले हुए कपड़े की बिक्री में 44 फीसदी की वृद्धि हुई है तथा दूसरे प्रकार के अन्य उपभोक्ता सामान की बिक्री भी बढ़ गयी है.
नीतीश ने कहा कि इससे पहले शराब पर प्रत्येक साल लोगों का 10 हजार करोड़ रुपये बर्बाद होता था, लेकिन शराबबंदी के बाद अब उनकी आर्थिक स्थिति बदली है. वे अब उसे बेहतर काम में लगा रहे हैं. पहले जिस पैसे को लोग शराब पर खर्च किया करते थे, उसे अब वे उसे अपनी मूलभूत आवश्यकता सहित अन्य जरूरतों को पूरी करने के साथ स्वास्थ्यवर्द्धक भोजन पर खर्च कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत लोग उनकी आलोचना करते हैं कि शराबबंदी के कारण सरकारी राजस्व में करीब 5000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, पर वे उसे नुकसान नहीं मानते. इसका कारण यह है कि सरकार के खजाने में पांच हजार करोड़ रुपये नहीं आता है, मगर लोगों के घर का 10 हजार करोड़ रुपये बच गया, जिससे वे अपनी जरूरत के सामान खरीद रहे हैं. इससे व्यापार और रोजगार बढ़ेगा तथा इससे सरकार की भी आमदनी बढ़ेगी.