भोजपुरी एक मजबूत भाषा है जो काफी दुत्कार के बाद भी जिंदा है : कुणाल सिंह | पटना फिल्म फेस्टिवल
वही गुरुवार को रविन्द्र भवन में आयोजित ओपेन हाउस डिबेट में अभिनेता कुणाल सिंह ने कहा कि भोजपुरी एक मजबूत भाषा है, जो काफी दुत्कार के बाद भी जिंदा है। हिंदी सिनेमा में एक दौर ऐसा था कि उन्होंने भोजपुरी को बाजार बनाकर उपयोग किया, लेकिन हम पिछड़ गए।भोजपुरी सिनेमा की दूसरी बड़ी समस्या थियेटर भी है जो निम्न स्तर के होते हैं। इसलिए एक बड़ा वर्ग भोजपुरी फिल्मों के लिए थियेटर की ओर नहीं जाता है।
अंजनी कुमार के कहा कि मगर भोजपुरी फिल्मों के विकास के लिए आज साहित्य, थियेटर और सिनेमा पर विशेष ध्यान देना होगा। युवा फिल्म मेकर शॉट और डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाकर यूटयूब के जरिए भी भोजपुरी सिनेमा को आगे ले जा सकते हैं।
अंत में सभी अतिथियों को बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम के एमडी गंगा कुमार और फिल्म फेस्टिवल के संयोजक कुमार रविकांत ने शॉल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस दौरान बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम की विशेष कार्य पदाधिकारी शांति व्रत भट्टाचार्य, अभिनेता विनीत कुमार, फिल्म समीक्षक विनोद अनुपम, फिल्म फेस्टिवल के संयोजक कुमार रविकांत, मीडिया प्रभारी रंजन सिन्हा मौजूद रहे।
आज शाम पटना फिल्म फेस्टिवल का समापन समारोह के दौरान पद्म विभूषण डॉ सोनल मानसिंह बिहार में 20 साल बाद परफॉर्म करेंगीं। इसके अलावा फिल्म विकास में उत्कृष्ट योगदान के लिए बिहार राज्य फिल्म विकास एंव वित्त निगम द्वारा गणमानीय लोगों को सम्मानित भी किया जाएगा।