इंडिया-म्यांमार-थाईलैंड मोटर रैली में भाग लेने भारत आए बैंकाक के प्रतिभागी गुरुवार को पटना पहुंचे तो उनके लिए बिहार और बुद्ध की विरासत से रूबरू कराने के लिए एक सेमिनार का आयोजन किया गया था। सेमिनार में सीनियर आईपीएस विकास वैभव प्रतिभागियों से मुखातिब हुए। प्रतिभागियों के बोधगया जाने से पहले आईपीएस विकास वैभव ने उन्हें बुद्ध की विरासत और बिहार की पुरातन संस्कृति से जुड़ी स्मृतियों से के बारे में बताया तो प्रतिभागी बिहार की पुरातन संस्कृति को जानकर चकित हो उठे।
सेमिनार के दौरान बोलते हुए आईपीएस विकास वैभव ने कहा कि भारत, थाईलैंड और म्यांमार के बीच सड़क मार्ग का होना बुद्धिस्ट टूरिज्म के भविष्य के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है। उन्होंने बुद्ध की विरासत के बारे में विस्तार से चर्चा की। दर्शक दीर्घा में बैठे लोग उस समय आश्चर्यचकित हो गए, जब वैभव ने सहेज कर रखीं बुद्ध की समृतियों और तस्वीरों को एक-एक कर दिखाना शुरू किये। इस दौरान वैभव ने कुछ अन्य स्थानों के बारे में भी बताया जो बुद्ध से जुड़ी हैं। इनमें कौवाडोल, कुर्कीहर, सिकलीगढ़, रामपुरवा, लौरिया-नंदनगढ़, कोंच, तेलहारा, कैमूर पहाड़ी और अन्य शामिल हैं।
रामपुरवा, लौरिया-नंदनगढ़, कोंच, तेलहारा, कैमूर पहाड़ी और अन्य शामिल हैं।
गौरतलब है कि विकास वैभव को चुनौतियों से लड़ना पसंद है तो इतिहास से हमेशा रूबरू होना उनका शौक। विकास वैभव जहाँ भी जाते हैं वहाँ के इतिहास को खंगालने की कोशिश करते हैं।
वैभव ‘साइलेंट पेजेज’ नाम के एक ब्लॉग भी चलाते हैं, जिसमें वह बिहार के साथ-साथ देश के कई जगहों के बारे में लिखते हैं और साथ ही सोशल साइटों पर अपने पेजेज के माध्यम से ऐतिहासिक स्थलों की खूबसूरत व् अनदेखी तस्वीरें और उसके बारे में रोचक जानकारियाँ भी लोगों के साथ शेयर करते है।
ऐतिहासिक धरोहरों को संजोने और उनसे जुड़ी जानकारियों को सहेजने से जुडे कामों के लिए राजधानी के प्रतिष्ठित मगध महिला कॉलेज में ‘सेंटर फॉर जेंडर स्टडीज’ के इंटरनेशनल कांफ्रेंस में विकास वैभव को इस वर्ष सम्मानित भी किया गया है। उनका मानना है कि भारत को जीवित रखने के लिए उसके इतिहास को जिंदा रखना बेहद जरूरी है।
वही विकास वैभव अपने अलग पुलिसिंग के लिए जाने जाते है। विकास वैभव जब रोहतास और पटना के पुलिस कप्तान थे तब उन्होंने नक्सलियों का खत्मा और नेताओं के नाक में दम कर दिए थे।
आईपीएस विकास वैभव बुद्ध दर्शन, विरासत और संस्कृति को अपने ब्लॉग पेज और सोशल मीडिया पर बहुत ही विस्तार से लिखे है। इनका ये ब्लॉग पेज यात्रा-वृतांतों पर ही आधारित है। इस लिंक पर क्लिक कर आप ब्लॉग पेज को पढ़ सकते है:- http://silentpagesindia.blogspot.in/2013/11/the-rediscovery-of-bodh-gaya.html
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