नीतीश कुमार के सात निश्चयों में सबसे महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना दो अक्तूबर से से शुरू हो जायेगी। अब बिहार के सभी 12वीं पास छात्र आगे की पढाई जारी रखने के लिए बैंक से काफी कम ब्याज दर पर चार लाख तक का लोन ले सकते हैं। ऋण पर दो प्रतिशत तक ब्याज लगेगा और किसी तरह की कोई प्रोसेसिंग फीस नहीं ली जायेगी. बैंकों के माध्यम से मिलनेवाले इस ऋण में गारंटर सरकार बनेगी.
अगर ऋण के रुपये नहीं लौटाये गये या डिफॉल्टर होने की स्थिति में सरकार ब्याज समेत मूलधन बैंकों को लौटायेगी. इसके लिए सभी इच्छुक बैंकों के साथ राज्य सरकार करार करेगी. एसएलबीसी की बैठक में इस योजना के लिए सभी बैंकों ने अपनी सहमति जतायी.
इसे सफल बनाने के लिए बैंकों ने भी बुधवार को एसएलबीसी की बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया. इस योजना में अगले पांच साल में 35 लाख छात्रों को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड देने का लक्ष्य रखा गया है. चालू वित्तीय वर्ष पांच लाख को यह कार्ड मिलेगा.
रहने और पाठ्यसामग्री के लिए भी मिलेंगे पैसे
क्रेडिट कार्ड योजना में छात्रों को रहने व पाठ्यसामग्री के लिए भी पैसे मिलेंगे. देश के 100 से ज्यादा शहरों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है. वर्ग-क के शहरों में पढ़नेवालों को 60 हजार, वर्ग-ख वालों को 48 हजार और वर्ग-ग वालों को 36 हजार रुपये सालाना भत्ता मिलेगा. प्रत्येक छात्रों को 10 हजार रुपये सालाना पठन-लेखन सामग्री की खरीद के लिए मिलेंगे.
वित्तीय वर्ष छात्र
2016-17 5 लाख
2017-18 6 लाख
2018-19 7 लाख
2019-20 8 लाख
2020-21 9 लाख
ऑनलाइन पोर्टल और एप किये जा रहे विकसित
इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल और मोबाइल एप भी तैयार किये जा रहे हैं. सभी आवेदन ऑनलाइन लिये जायेंगे. ये आवेदन जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र में भेज दिये जायेंगे. आवेदनों के सत्यापन का कार्य शिक्षा विभाग किसी बाहरी एजेंसी का चयन करके करेगा. आवेदन में उल्लेखित तमाम तथ्य जांच में सही पाये जाने पर इससे संबंधित प्रतिवेदन जिला निबंधन कार्यालय में समर्पित किया जायेगा. छात्र को कार्ड लेने के लिए कार्यालय पर आने की सूचना करीब एक सप्ताह पहले इ-मेल या एसएमएस से दी जायेगी.