साक्षर भारत अभियान पुरस्कार में इस बार बिहार को दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ रहा है जबकि छत्तीसगढ़ को लगातार दूसरे बार साक्षर भारत पुरस्कार के रजत कैटेगरी में नाम आगे कर दिया है.इसपर जन शिक्षा निदेशालय ने सवाल भी किया है क्योकि इस बार कार्यों के हिसाब से बिहार की दावेदारी मजबूत थी
छत्तीसगढ़ को वर्ष 2015 में भी साक्षर भारत पुरस्कार मिला था। इस वर्ष अपने कार्यों के आधार पर बिहार ने तगड़ी दावेदारी पेश की थी, लेकिन दूसरे स्थान से ही संतोष करना पड़ा। इस पर जन शिक्षा निदेशालय ने सवाल उठाया है।
जन शिक्षा निदेशक विनोदानंद झा ने कहा कि लगातार एक ही राज्य को दूसरे वर्ष पुरस्कार कैसे मिल सकता है? इस वर्ष इसमें बदलाव होना चाहिए था। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर साक्षरता के क्षेत्र में बिहार ने काफी कार्य किया। सूबे के 10 ग्राम पंचायतों ने पंचायत कैटेगरी में आवेदन किया था। इसमें से समस्तीपुर के लगुनिया-सूर्यकंठ पंचायत साक्षरता समिति का चयन किया गया। समिति की वरीय प्रेरक अनीता कुमारी व लगुनिया मध्य विद्यालय के प्रधानाचार्य सौरव कुमार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सम्मानित किया। वर्ष 2010 से पंचायत में साक्षरता कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। इस पंचायत में साक्षर भारत अभियान के तहत संचालित लोक शिक्षा केंद्र के कार्य को राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर माना गया।
मुंबई विवि ने किया था एसेसमेंट
केंद्र सरकार ने राज्य जिला व पंचायत स्तर पर आवेदन मंगाए थे। इन आवेदनों के आधार पर किए गए कार्यों की जांच थर्ड पार्टी से कराई जाती है। इस वर्ष मुंबई विवि की टीम ने एसेसमेंट किया। टीम को एक पुरस्कार के लिए तीन नाम देने होते हैं। इस प्रकार राज्यों के आवेदन के आधार पर तीन राज्यों का नाम दिया गया। वहीं, नौ जिलों, 15 ग्राम पंचायत और छह रिसोर्स सपोर्ट संगठनों का चयन किया गया। इसमें केंद्र ने एक राज्य, तीन जिला, पांच पंचायत व दो रिसोर्स संगठन को पुरस्कार के लिए चुना। उन्हें विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने पुरस्कार दिया।
साक्षरता में मिला पांचवां पुरस्कार
साक्षरता के क्षेत्र में बिहार को पांचवां पुरस्कार मिला है। वर्ष 1996 में पहली बार संयुक्त बिहार के दुमका जिले को सत्येन मित्रा अवॉर्ड मिला था। वर्ष 2008 में बेगूसराय जिले को सत्येन मित्रा पुरस्कार मिला। राज्य के बंटवारे के बाद राज्य का यह पहला लिटरेसी पुरस्कार था। वर्ष 2010 से साक्षर भारत अभियान शुरू होने व पंचायतों को इससे जोड़े जाने के बाद वर्ष 2013 में एक बार फिर बेगूसराय को पुरस्कार मिला। वर्ष 2011 की जनगणना रिपोर्ट के आधार पर सूबे में महिला साक्षरता में सर्वश्रेष्ठ वृद्धि के लिए पुरस्कार मिला। शिक्षा विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव व वर्तमान मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने यह पुरस्कार लिया था। इस वर्ष लगुनिया-सूर्यकंठ पंचायत ने फिर पुरस्कार जीता है।
साक्षर भारत पुरस्कार, 2016 की विभिन्न कैटेगरी में विजेता
– राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकार : छत्तीसगढ़
– जिला लोक शिक्षा समिति
-पाकुड़, झारखंड।
– सोनितपुर, आसाम।
– सरगुजा, छत्तीसगढ़।
ग्राम पंचायत लोक शिक्षा समिति
– वीरनापल्ली, करीम नगर, तेलंगाना।
– बकाराम जागिर, रंगा रेड्डी, तेलंगाना।
– वट्टामुथरमपट्टी, सलेम, तमिलनाडु।
– लगुनिया-सूर्यकंठ, समस्तीपुर, बिहार।
– येओली, गढिचरौली, महाराष्ट्र।
रिसोर्स सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन
– स्टेट रिसोर्स सेंटर, रायपुर, छत्तीसगढ़।
– जन शिक्षण संस्थान, रायगढ़, महाराष्ट्र।