भारतीय रेलवे को सुधारने के लिए मोदी सरकार और सुरेश प्रभु भले लगातार कई प्रयास कर रहें हो मगर रेलवे अधिकारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं।
गुरुवार को दानापुर रेलमंडल के आरा स्टेशन पर संघमित्रा एक्सप्रेस में तैनात एक टीटीई ने एक मरीज और परिजनों को धक्के मारकर ट्रेन से नीचे उतार दिया और साथ ही टीटीई ने उन्हें नीचे नहीं उतरने पर फेंक देने की भी धमकी दी।
घटना के दौरान रेल पुलिस व अन्य टीटीई मूकदर्शक बने रहे। प्लेटफार्म संख्या एक पर हुई घटना को देखकर मौजूद लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा कर रहे लोग स्टेशन प्रबंधक के कार्यालय तक पहुंच गए। स्टेशन पर मौजूद दानापुर डिविजन के एसीएम तेज भट्टाचार्य और हाजीपुर जोनल कार्यालय से आए रेल अधिकारी आरआर सिन्हा के समझाने व टीटीई पर कार्रवाई के आश्वासन के बाद ही लोग शांत हुए।
खबर के अनुसार संदेश थाना क्षेत्र के खुशडिहरा गांव निवासी रामाधार राय का पुत्र विश्वनाथ राय अपने परिजनों के साथ ट्रेन से यात्रा कर रहे थे। उनकी पत्नी बेबी देवी ने बताया कि टिकट रहने के बावजूद आरा स्टेशन पर टीटीई ने उनसे 350 रुपए जुर्माना वसूल लिया। जब परिजनों ने विरोध किया तो बीमार विश्वनाथ व परिजनों को धक्का देकर ट्रेन से उतार दिया।
मरीज तथा परिजनों की बात सुनकर प्लेटफार्म पर मौजूद यात्री आक्रोशित हो स्टेशन प्रबंधक कार्यालय पहुंच गए। स्टेशन प्रबंधक के कार्यालय कक्ष में बैठे दानापुर डिविजन के एसीएम तेज भट्टाचार्य और हाजीपुर जोनल कार्यालय से आए रेल अधिकारी आरआर सिन्हा ने पहल करते हुए मरीज के परिजनों को दूसरी गाड़ी से उन्हें भेजने की व्यवस्था की तथा वसूली गई जुर्माना राशि वापसी का आश्वासन दिया।
एसीएम ने टीटीई की टीम को फटकार लगाते हुए कहा कि जुर्माना वसूलने वाले टीटीई का पता नहीं चलने पर सभी टीटीई से पैसे वसूल कर पीडि़त यात्री को वापस करें।
रेलवे अधिकारियों की दादागीरी और करतूतों की खबर बराबर सुनने को मिलता रहता है। सरकार को रेलवे को सुधारने के साथ उसके कर्मचारियों को भी सुधारने पे ध्यान देना चाहिए और ऐसे भ्रष्ट्र कर्मचारी पर कठोर कारबाई करके सबके सामने आदर्श प्रस्तुत करना चाहिए ताकि अगली बार कोई ऐसी हरकत करने से पहले दस बार सोचे।
Source : Dainik Jagran