बिहारियों में जी तोड़ मेहनत करने की क्षमता होती है ये बात पहले से प्रमाणित है, बिहार के युवा हर क्षेत्र में अंतराष्ट्रीय पटल पर बिहार का डंका बजे रहे हैं चाहे वो ज्ञान का क्षेत्र, विज्ञान का क्षेत्र हो, खेल का क्षेत्र हो या कला का, बिहारी सब जगह आगे आ रहे हैं।
नामचीन ब्लॉग और डिजिटल न्यूजपेपर ने हाल ही में दुनिया के सौ सर्वश्रेष्ठ युवा उद्यमियों की सूचि जारी की है जिसमे बिहार के राजधानी पटना के निवासी और सामाजिक संस्था डेक्सटीरिटी ग्लोबल के संस्थापक शरद सागर को तीसरे स्थान पर शामिल किया है, बिहार सहित पुरे देश के लिए ये गौरव की बात है। शरद अपनी इस उपलब्धि समस्त देशवासियों को समर्पित किये हैं।
शरद सागर को इससे पहले जनवरी में विश्व की सर्वश्रेष्ठ पत्रिकाओ में एक फ़ोर्ब्स में भी जगह मिल चुकी है।
24 वर्षीय शरद सागर अपने संस्थान डेक्सटीरिटी ग्लोबल के माध्यम से नेक्स्ट जनरेशन को अंतराष्ट्रीय स्तर से जोड़ना चाहते हैं। शरद चाहते हैं की शिक्षा का लोकतांत्रीकरण हो।
डेक्सटीरिटी शिक्षा में लोकतांत्रीकरण को बढ़ावा देता है। शरद सागर का एक स्पेशल प्रोग्राम बिहार के बच्चों के लिए चलाया जा रहा है जिसका नाम है डेक्सटीरिटी टू कॉलेज, इसके माध्यम से इनकी संस्था बिहार के प्रतिभावान बच्चों को स्कॉलरशिप देती है ताकि वो बेहतर कर सके।
शरद का कहना है की देश सिर्फ एक रामेश्वरम् की कलाम को जानता है जबकि बिहार के हर गांवों में एक कलाम बैठा है वो देश का अगला जरूर बन सकता है अगर उसे भी सारी जरूरी जानकारी और सुविधा उपलब्ध कराई जाये तो।
शरद कहते हैं की हमने विश्व को अनेकों उपहार दिए हैं चाहे वो शिक्षा का क्षेत्र हो या राजनीति का, फिर आज का बिहार क्यों पीछे रहेगा, वो बिहार को अंतराष्ट्रीय पटल पर लाने की बात करते हैं क्योकि उनका मानना है की अगर बिहार आगे आता है तो देश आगे आएगा और अगर देश आगे आता है तो समस्त संसार आगे आएगा।