प्रधानमंत्री मोदी से बिहार के हक की मांग करेंगे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
बिहार के मुख्यमंत्री का सबसे बडा सपना और मुद्दा है बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलवाना मगर पटना से दिल्ली तक अपनी पूरी शक्ति लगाने के बाद भी वह बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिलवा पाये है। इतने के बाद भी नीतीश कुमार हार नहीं माने है। एक बार फिर वह विशेष राज्य का मुद्दा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समक्ष उठायेंगे।
नई दिल्ली में आयोजित अंतर-राज्य परिषद की बैठक में नीतीश कुमार फिर से विशेष राज्य और राज्य के लिए लंबित विशेष पैकेज के मुद्दे को उठाएंगे.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अंतर-राज्य परिषद नई दिल्ली में 16 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई बैठक में भाग लेने की उम्मीद की जा रही है. इस बैठक में नीतीश कुमार मोदी से बिहार के लिए विशेष दर्जे की मांग सहित विशेष पैकेज की घोषणा की राशी के मुद्दों को भी रखेंगे.
आपको बता दे कि बिहार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चुनाव से पहले बड़ी घोषणा की गई थी जो लंबित चल रही है. चूंकि अंतर-राज्य परिषद की बैठक लगभग एक दशक के अंतराल के बाद आयोजित की जा रही है और इस बैठक में राज्यों के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. एेसे में बिहार के पास इस बैठक के पटल पर रखने के लिए तमाम मुद्दे हैं जिसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस बैठक में रखेंगे.
ज्ञात हो कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का मामला बहुत पुराना है। केंद्र में यूपीए सरकार के समय में नीतीश कुमार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा के लिए दिल्ली के रामलीला मैदान में भी रैली कर चुके है। मनमोहन सरकार ने इसके लिए रघुराम राजन के नेतृत्व में आयोग गठित किया था मगर उसके रिपोर्ट को लागू नहीं किया। बीजेपी भी विशेष राज्य के मुद्दे पर नीतीश के साथ थी और वादा किया था कि सरकार में आने के बाद बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देगी मगर सरकार बनने के बाद वह इसे नजरअंदाज कर रही है।