बारीश नेपाल में और बाढ़ का कहर बिहार में, लाखों लोग बेहाल….
नेपाल की तराई में लगातार हो रही बारिश से बिहार में बाढ़ के हालात बदतर होते जा रहे है। राज्य के आठ ज़िलों में बाढ़ की स्थिति भयावह बनी हुई है। कोसी और सीमांचल इलाके में कोसी, महानंदा, बखरा, कंकई, परमार सहित सभी नदियां उफान पर हैं।
आपदा प्रबंधन विभाग के संयुक्त सचिव अनिरूद्द कुमार ने बताया कि सुपौल, अररिया, किशनगंज, दरभंगा सहित आठ ज़िलों के 1324 गांव की लगभग पांच लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित है.
बाढ़ में फंसे लोगों के लिए राहत और बचाव कार्य जारी है. बाढ़ प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई हैं.
मगर सहरसा से स्थानीय लोग बताते हैं कि सरकार के बचाव कार्य की रफ्तार बहुत धीमी है जबकि हालात लगातार काबू से बाहर होते जा रहे हैं.
इस बीच गंडक बराज से मंगलवार रात 5.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की भी जानकारी मिली है.
बाढ़ के स्थिति का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे।
यह बाढ हर साल आती है। बारिश तो नेपाल में होता है मगर उसका कहर बिहार झेलता है। हर साल बिहार के लाखों गरीब लोग इस से प्रभावित होते हैं और लाखों-करोडो का नुकसान होता है। हर बार बाढ़ आने पर नेपाल के साथ इस मुद्दे को सुलझाने की बात कही जाती है मगर नतीजा वही होता है। विदेश निती पर मोदी सरकार काफी सक्रीय है। सरकार को इस मुद्दे को भी अपने विदेश निती में शामिल कर नेपाल के साथ बात कर इसका समाधान करना चाहिए। कबतक बिहार बाढ़ का कहर झेलता रहेगा और कबतक गरीब लोग तबाह होते रहेंगें?