टॉपर घोटाला में दुनिया भर से बदनामी का दंश सह रहे रूबी राय फिर एक बार चर्चा में है।
पॉलिटिकल साइंस को ‘प्रोडिकल साईंस’ कहने वाली फर्जी इंटर आर्ट्स टॉपर रूबी राय इन दिनों महिला सुधार गृह में बंद है। वह पढ़ कर अपने अपमान का बदला लेना चाहती है और अपने उपर लगे दाग को साफ करना चाहती है। वह फिर से एग्जाम देना चाहती है। इसके लिए वह इन दिनों दिन-रात मेहनत कर रही है। वह अपने अपमान का हर हाल में बदला लेना चाहती है। उसकी एक ही इच्छा है कि मेहनत की दम पर एक बार फिर से लोग उसे जाने।
जेल में बदल गया रुटीन, दिन भर कॉपी किताब में रहती है मग्न…
जेल में बंद स्टूडेंट रूबी राय का रुटीन इन दिनों बदल गया है। वह सुबह 6 बजे महिला सुधार गृह आश्रम की वार्डेन के कमरे में किताब-कॉपी लेकर पहुंच जाती है। वार्डेन संगीता को वह पिछले दिन की पढ़ी हुई चीजों को पहले सुनाती है फिर नया होम वर्क लेकर अपने कमरे में चली जाती है। रूबी पूरे दिन में कई बार वार्डेन के कमरे में आकर जो नहीं समझ में आता है उसे समझती है। कुछ ही दिनों में उसने पढ़ाई की अच्छी रफ्तार पकड़ ली है। फिलहाल वह अंग्रेजी और मैथ पर विशेष ध्यान दे रही है।
ऐसा है रूबी का रुटीन
सुधार गृह के कमरे में रूबी अकेले रहती है। कोर्ट के निर्देश के अनुसार उसकी सुरक्षा का विशेष ध्यान दिया जाता है। उसकी सुरक्षा में तैनात महिला सुरक्षाकर्मी के अनुसार रूबी पूरे दिन में तीन चार बार ही अपने कमरे से बाहर निकलती है। सबसे पहले सुबह छह बजे। वो इस समय अपने कमरे से निकल कर सीधे वार्डेन के कमरे में जाती है और वहां से सात साढ़े सात बजे लौटने पर अपने काम में लग जाती है।
नौ बजे वह पढ़ने बैठती है और दिन के 12 बजे तक पढ़ाई करती है। इसके बाद खाना खाकर थोड़ा आराम कर फिर पढ़ती है। शाम में वह कमरे से बाहर निकलती है तो 8 बजे खाना खाकर कमरे में वापस लौटती है। कमरे में आने पर वह फिर से पढ़ने बैठ जाती है और तब तक पढ़ती है, जब तक थक नहीं जाती। इसके बाद वह सो जाती है।
कुछ लोग इतना सब होने के बाद अपना हौसला खो देते हैं मगर रूबी राय ने अपने कमजोरी को ही ताकत बनाने की ठानी है। यह वाकई काबिले तारिफ है।