मुख्यमंत्री का वादा 2020 तक एक करोड़ युवाओं को बनायेंगे हुनरमंद
नीतीश कुमार ने राज्यवासियों से एक और वादा किया है और कहा है की अगले चार वर्षों में 1 करोड़ बिहारी युवाओं को हुनरमंद बनायेंगे, जिससे की वो अपने पैरों पे खड़ा हो सकेंगे, सरकार ऐसे प्रशिक्षित युवाओं को नाैकरी की तलाश के लिए दो साल तक एक हजार रुपये प्रतिमाह स्वयं सहायता भत्ता देगी, ताकि वे नौकरी की तलाश कर सकें. आज के युग में रोजगार के लिए कौशल विकास जरूरी बताते हुए उन्होंने कहा कि हर जगह कुशल लोगों की कमी है. ऐसे लोगों की बिहार ही नहीं देश और विदेश में भी मांग है. देश में नर्स की कमी की चर्चा करते हुए उन्हेांने कहा कि आज पीएमसीएच और एनएमसीएच के नर्सों की निजी नर्सिंग होम में अधिक मांग है. संचालक अपने संसाधन से यहां से उन्हें ले जाते हैं.
सात निश्चय में नर्सिंग कॉलेज को प्राथमिकता
नीतीश कुमार ने कहा कि हमने सात निश्चय में नर्सिंग कॉलेज खोलने को शामिल किया. मुख्यमंत्री अधिवेशन भवन में विश्व युवा कौशल दिवस के मौके पर राज्य में पहली बार आयोजित कौशल विकास दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. कौशल विकास की प्रशिक्षण के तहत 12 वीं पास युवाओं को अंगरेजी और हिंदी में संवाद करने का ज्ञान, कंप्यूटर का ज्ञान और रोजगार के लिए बुनियादी ज्ञान मिलेगा. इसके लिए महाराष्ट्रा के एमकेसीएल से राज्य सरकार ने अनुबंध किया है.
कौशल विकास की अपार संभावना
कौशल विकास की अपार संभावना बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कौशल में विकास से रोजगार की संभावनाएं बढ़ेगी. इसके लिए वैसे संस्थान की आवश्यकता है जहां वाकई प्रशिक्षण मिले. सिर्फ सर्टिफिकेट के लिए संस्थान न हो. बिहार की सरकार ने 2012 में ही इसके लिए बिहार कौशल विकास मिशन का गठन किया था. सभी विभागों को कौशल विकास के लिए लक्ष्य दिया गया था. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के महिलाओं के लिए हुनर कार्यक्रम शुरू किया, जिसे बाद में केंद्र सरकार ने भी स्वीकार किया. नक्सल प्रभावित इलाकों के लिए सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत जहानाबाद जिले के कुछ जगहों पर लोगों को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया गया. पता चला कि जिसने भी प्रशिक्षण लिया था, सबों को नौकरी मिल गयी. मुख्यमंत्री ने कहा कि कौशल विकास से रोजगार की संभावना बढ़ेगी. इसके लिए सभी प्रखंडाें में कौशल विकास केंद्र की स्थापना की जायेगी.
यह कोई चुनावी घोषणा नहीं है, यह सरकार का निश्चय है
यह कोई चुनावी घोषणा नहीं है, यह सरकार का निश्चय है. इसे हर हाल में लागू किया जायेगा. यह महागंठबंधन के साझा कार्यक्रम का हिस्सा है. हमने चुनाव के दौरान कुल 218 सभाओं में इसकी चर्चा की थी. सबसे अधिक ताली स्टूडेंट क्रेडिट क्रेडिट कार्ड पर ही बजती थी. जिसमें चार लाख रुपये देने की बात कही जाती थी. कौशल विकास की बातें लोग गंभीरता से सुनते थे. कहते थे कि यदि ऐसा हो गया तो वाकई सब कुछ बदल जायेगा.
सरकार देगी क्रेडिट कार्ड का पैसा
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टूडेंट क्रेडिट कार्य के लिए बैंक को कहा कि यदि बच्चा पैसे वापस नहीं करेगा तो सरकार कर्ज की अदायगी करेगा. उन्होंने कहा कि बिहार के युवा मेधावी होते हैं. उन्हें माहौल देने की जरूरत है. आइटीआइ के बच्चों द्वारा बनाये गये मॉडल की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आप लोग चुपचाप काम करते रहिए बाद में लोग आंख फाड़ कर देखेंगे कि ऐसा कर दिया.