15 वर्ष का इंतजार खत्म बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को मिली मान्यता
बिहार के क्रिकेटरों एवं क्रिकेटप्रेमियों का 15 वर्ष का लंबा इंतजार अब खत्म हो गया है। कल सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला सुनाया जिसमे बीसीसीआई को आदेश दिया है की आर एम लोढ़ा द्वारा पारित सभी नियमों को जल्द लागू किया जाए। इस फैसले के कारण अब बिहार क्रिकेट एसोसिएशन बीसीसीआई का पूर्ण रूप से सदस्य बन गया है।
अब बिहार की टीम रणजी एवं अन्य राष्ट्रिय क्रिकेट टूर्नामेंट खेल पायेगी, जो की 2001 से तत्कालीन बीसीसीआई अध्यक्ष जगमोहन डालमिया द्वारा प्रतिबंधित था।
आर एम लोढ़ा के फैसले के बाद बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के वर्तमान अध्यक्ष अब्दुल बारी सिद्दीकी को अपने पद से इस्तीफा देना होगा, चुकी अब्दुल बारी सिद्दीकी नीतीश कैबिनेट के मंत्री है।
15 वर्ष से प्रतिबंधित होने के कारण बिहार के कई प्रतिभावान क्रिकेटर चाह कर भी राष्ट्रिय स्तर पर कोई मैच नही खेल पाये, बिहार के क्रिकेटरों को अपने भविष्य संवारने के लिए कई बार झारखण्ड एवं बंगाल भी पलायन करना पड़ा।
बीसीए के अध्यक्ष अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा की बिहार में खेल का मतलब सिर्फ मनोरंजन नही है बल्कि ये राज्य के विकास काफी मददगार साबित होगा, बिहार में फ़िलहाल कोई एकदिवसीय या टेस्ट मैच नही हो सकता क्योंकि बिहार में अच्छे स्टेडियम, खिलाड़ियों के ठहरने के लिए अच्छे होटल की कमी है। बीसीए के मान्यता के बाद इन क्षेत्रों में विकास देखने को मिलेगा।
बीसीए के मान्यता के बाद राज्य के खिलाड़ियों में काफी उत्साह है बीसीए के सचिव ने बताया की बीसीसीआई के मदद से जल्द ही मोईन-उल-हक़ स्टेडियम का जीर्णोद्धार किया जायेगा इसके बाद किसी अंतराष्ट्रीय मैच का आयोजन भी बिहार में जल्द होगा।