बिहार में वज्रपात से 57 मौत, ऐसे बरते सावधानी
मानसून के पहले दिन परसो देर शाम और कल बिहार में बिजली गिरने से 57 लोगों की मौत हो गया है और 24 लोग जख्मी हुए है. बिहार सरकार ने मारे गए 57 लोगों के परिवार को चार-चार लाख रुपए देने का एलान किया. वही यूपी में 43, झारखंड में 7, जबकि एमपी 5 लोगों की मौत बिजली गिरने से हुई है.
मोदी ने बुधवार को ट्वीट कर दुख जताया. उन्होंने कहा- “पिछले दिनों बिजली गिरने से जिन लोगों की मौत हुई है, उनके परिजनों को अपनी शोक संवेदना व्यक्त करता हूं और उनके लिए प्रार्थना करता हूं।”
सोनिया गांधी ने भी दुख जताया है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार को पीड़ित फैमिली की मदद करना चाहिए।
जानें क्यों गिरती है आसमान से बिजली:-
आसमान में अपोजिट एनर्जी के बादल हवा से उमड़ते और घुमड़ते रहते हैं. ये विपरीत दिशा में जाए हुए टकराते हैं. इससे होने वाले घर्षण से बिजली पैदा होती है जो धरती पर गिरती है. आसमान में किसी तरह का कंडक्टर न होने से बिजली पृथ्वी पर कंडक्टर की तलाश में पहुंच जाती है, जिससे नुकसान पहुंचता है. धरती पर पहुंचने के बाद बिजली को कंडक्टर की जरूरत पड़ती है. आकाशीय बिजली जब लोहे के खंभों के अगल- बगल से गुजरती है तो वह कंडक्टर का काम करता है. उस समय कोई व्यक्ति यदि उसके संपर्क में आता है तो उसकी जान तक जा सकती है. बिजली चमकने के 10 सेकेंड के बाद गर्जन की आवाज सुनाई देती है. इसका मतलब साफ होता है कि वह आपसे तीन किलोमीटर की दूरी पर है.डैमेज हो जाते हैं टिशूज, बॉडी पर पड़ता इफेक्ट है. आसमानी बिजली का असर ह्यूमन बॉडी पर कई गुना होता है. डीप बर्न होने से टिशूज डैमेज हो जाते हैं. उनको आसानी से ठीक नहीं किया जा सकता है. बिजली का असर नर्वस सिस्टम पर पड़ता है. हार्ट अटैक होने से मौत हो जाती है. इसके असर से शारीरिक अपंगता का खतरा होता है. टिशूज के डैमेज होने से गले, सिर और गरदन को ठीक होने में लंबा समय लग जाता है. बिजली गिरने के दौरान सीधे संपर्क में आने वाले लोगों में ज्यादातर की मौत हो जाती है.
ये बरतें सावधानी:-
– बिजली मैकेनिक से कहकर घर में तडि़त आघात लगवाना चाहिए.
– आंधी आते ही टीवी, रेडियो, कंप्यूटर सभी का मोडेम और पॉवर प्लग निकाल दें.
– घर में सारे पर्दे लगा देने चाहिए.
– इलेक्ट्रिक अप्लाएंसेस को ऑफ कर देना चाहिए.
– इस दौरान मोबाइल यूज करने से बचें.
– नंगे पैर फर्श या जमीन पर कभी खड़े ना रहें.
– बिजली उपकरणों से दूर रहें.
– बादलों के गरजने के समय घर के अंदर हैं तो घर के अंदर ही रहें.
– बिजली पैदा करने वाली चीजों से दूरी बनाकर रखें रेडिएटर, फोन, धातु के पाइप, स्टोव इत्यादि.
– पेड़ के नीचे या खुले मैदान में जाने से बचें.
– खुले मैदान में होने पर किसी बिल्डिंग में छिपने की कोशिश करें.
– गीले कपड़ों की वजह से व्रजपात का असर कम हो जाता है.
– औसतन बिजली कड़कने से क्0 लाख वाट प्रति घंटे की रफ्तार से पैदा होती है बिजली। यह ख्0 किलोटन न्यूक्यिलर की एनर्जी के बराबर होता है.
– अगर ज्यादा बिजली गिरती है यह औसत से 10 से लेकर 100 गुणा ताकतवर होती है.
– आकाशीय बिजली का तापमान सूर्य की ऊपरी सतह से भी ज्यादा होता है.
– बिजली मिली सेकेंड से कम समय के लिए ठहरती है.
– यदि बिजली किसी व्यक्ति पर गिरती है तो सबसे ज्यादा असर उसके सिर, कंधे और गले पर होता है.
– बिजली गिरने की सबसे अधिक संभावना दोपहर के वक्त होती है.
– बिजली का असर महिलाओं से ज्यादा पुरुषों पर होता है.
बिजली गिरनों को लेकर भ्रांतियां:-
– गोबर पर गिरने गोबर सोना बन जाता है.
– मकान पर गिरने से छत की सरिया अष्टधातु की हो जाती है.
– पीपल, पाकड़, बरगद, तरकुल जैसे पेड़ों पर बिजली ज्यादा गिरती है.
– बिजली चमकने के दौरान पतंग में करंट फैलने का खतरा होता है.
– किसी चीज पर बिजली गिरने के बाद वहां दोबारा नहीं गिरती.
– रबर, टायर या फोम इससे बचाव कर सकते हैं.