पटना: 18 जून भारतीय एयरफोर्स का ऐतिहासिक दिन बनेगा, जब 18 जून को महिला फाइटर पायलट का पहला बैच शामिल होगा। इस उपलब्धि में राजस्थान, मध्यप्रदेश और बिहार भागीदार बनेगा। अन तीनों राज्यों से आने वाली भावना कांत, मोहना सिंह और अवनी चतुर्वेदी भारतीय एयरफोर्स में महिला शक्ति की पहचान बनने जा रही हैं। बिहार का नाम रौशन कर रही है भावना कांत।
अवनी मध्यप्रदेश की है, मोहना राजस्थान की तो भावना कांत अपने बिहार के दरभंगा की बेटी है। दरभंगा के एक साधारण परिवार में जन्मी भावना कांत कभी आसमान में फाईटर प्लेन उडायगी, यह किसी ने शायद सोचा भी नहीं होगा।
उनके दादा एक इलेक्ट्रिशियन, तो पिता मैकेनिक रहे हैं। भावना ने डीएवी स्कूल, बरौनी रिफ़ाइनरी, बेगूसराय से वर्ष 2009 में दसवीं की परीक्षा पास की थी। उन्होंने बीएमएस बेंगलुरू से वर्ष 2014 में बीटेक किया। पिछले साल उन्हें भारतीय वायु सेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत शामिल किया गया था।
भारतीय सेना में पहली बार किसी महिला को मिलिट्री नर्सिंग सर्विस के लिए वर्ष 1927 में शामिल किया गया था। वर्ष 1992 में तत्कालीन सरकार की मंजूरी के बाद सेना के तीनों अंगों में महिला अधिकारियों को शामिल किया जाने लगा।
यह पहला मौका होगा, जब भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान की कॉकपिट में कोई महिला बैठेगी। इंडियन एयरफोर्स में फिलहाल 94 महिला पायलट हैं, लेकिन ये पायलट सुखोई, मिराज, जगुआर और मिग जैसे फाइटर जेट्स नहीं उड़ाती हैं। वायुसेना में लगभग 1500 महिलाएं हैं, जो अलग-अलग विभागों में काम कर रही हैं। 1991 से ही महिलाएं हेलीकॉप्टर और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट उड़ा रही हैं, लेकिन फाइटर प्लेन से उन्हें दूर रखा जाता था।।
आज महिलायें सभी क्षेत्रों में आगे बढ रहीं है। बेटा और बेटी का फर्क मिटता जा रहा है। लड़कियां भी लड़को से कम नहीं है। भारत को गर्व है अपने नारी शक्ति पर। बिहार को भी गर्व है अपने इस बेटी पर।