बिहार पुलिस: अपराधियों के लिए ‘लेडी सिंघम’ तो बच्चों के लिए ‘दीदी’ है बिहार यह डीएसपी साहिबा..
मधुबनी: पुलिस में कुछ एसे भ्रष्ट अफसर होते है जिनके कारण पूरा पुलिस डिपार्टमेंट बदनाम होता है तो कुछ एसे भी अफसर होते हैं जो अपने ईमानदारी, बहादुरी या अपने सामाजिक कामों के वजह से चर्चा में रहते हैं और अपने डिपार्टमेंट का नाम रौशन करते रहते हैं।
ऐसे ही एक अफसर है मधुबनी ज़िले के बेनीपट्टी की डीएसपी निरमला। बेनीपट्टी अनुमंडल के सरकारी विद्यालयों में इन दिनों शिक्षा की जोत जलाने में योगदान दे रही है।
लिस की नौकरी की तमाम व्यवस्तताओं के बीच भी गरीब छात्रों की चहेती बनी हुई है।बच्चे उनकी सहृदयता और अपनेपन से अभिभूत होकर डीएसपी साहिबा को प्यार से दीदी बुलाते है। गरीब बच्चों के बीच जा के वे सिर्फ बच्चों से बात-चीत या उनका मनोबल ही नहीं बल्कि उनके पढाई में आने बाली छोटी-मोटी परेशानियां भी देर करती है। उनके बीच जाकर किताब कॉपी पेन और कपड़ा देना अब निर्मला के लिए रोज की दिनचर्या सी बनती जा रही है।
इसी कड़ी में डीएसपी निर्मला जब एक सरकारी स्कूल में पहुंची तो वहा बच्चों को जमींन पर बोरा बिछा कर बैठकर पढ़ाई करते देखा। बच्चों को जमीन पर बैठकर पढ़ाता देख उन्होंने उस स्कूल में अपने प्रयासो से बेंच और डेस्क प्रोवाइड करा दिया है।
बच्चों के पढाई के लिए डीएसपी साहिबा अपने स्तर पर लगातार प्रयासरत है और इसके लिए काम कर रही है। थ ही बच्चों की पढ़ाई को सुचारू रूप से जारी रखने खातिर लगातार अभियान चला रही है। अब तक कई स्कूलो का सूरते हाल देख उसमे सुधार की प्रक्रिया शुरू कर चुकी।
जहां कुछ भ्रष्ट पुलिस वाले गरीब जनता का शोषण करने बाज नहीं आते और सिर्फ अपना जेब भरने में लगे रहते हैं तो डीएसपी निरमला जैसी अफसर अपना स्वार्थ छोड़ ईमानदारी से समाज के लिए काम कर सबके लिए मिशाल कायम कर रहीं है। इनके प्रयास से लोगों का पुलिस पर विश्वास भी बढ़ रहा है।
सूबे को अपनी इस निस्वार्थ भाव से शिक्षा की जोत जलाने वाली बेटी पर गर्व होना चाहिए।