बिहारी प्रतिभा को अब विश्वप्रसिद्ध पत्रिका फोर्ब्स में मिली जगह
जँहा पुरे देश की मीडिया बिहार के शिक्षा का मजाक बनाते नही थकती है वंही दुनिया की सर्वश्रेष्ठ पत्रिका’फ़ोर्ब्स’ ने दुनिया के 30 वर्ष से कम उम्र के सर्वश्रेष्ठ सामाजिक उद्यमियों की सूचि में बिहार के शरद सागर को भी शामिल किया है।
बिहार के लोग प्रतिभा के धनी होते हैं यह बात बिहार के शरद सागर ने साबित की है। यह पहला मौका है जब किसी बिहार के निवासी को फोर्ब्स पत्रिका में जगह मिली है। यह सूची फोर्ब्स ने 4 जनवरी को जारी की जिसके लिए पत्रिका के पास 15 हजार नाम आए थे। पत्रिका की ओर से प्रकाशित इस सूची में दुनिया के अरबपतियों, निवेशकों, हॉलीवुड अभिनेताओं, संगीतकार व अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के संस्थापक व सामाजिक कार्यकर्ताओं को शामिल किया गया है।
सिर्फ 24 वर्षीय शरद सागर अभी अमेरिका के कोलंबिया यूनिवर्सिटी से अंतर्राष्ट्रीय राजनीति व कूटनीति विषय की पढ़ाई कर रहे हैं। साथ ही शरद 2008 में स्थापित अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक संगठन डेक्सटेरिटी ग्लोबल के संस्थापक व सीईओ भी हैं।शरद मूल रूप से सिवान (बिहार) के जीरादेई निवासी हैं। इनके पिता विमलकांत प्रसाद स्टेट बैंक में कार्यरत हैं। शरद ने पटना के संत डोमिनिक से 12वीं तक पढ़ाई की। 12वीं के बाद शरद शत-प्रतिशत छात्रवृत्ति पर अमेरिका में पढ़ाई कर रहे हैं।
पत्रिका ने सागर के बारे में लिखा है कि इनके जीवन का लक्ष्य नेक्स्ट जेनेरेशन को अंतर्राष्ट्रीय स्तर के साथ जोड़ना है। इनकी संस्था डेक्सटेरिटी ग्लोबल, शैक्षिक प्लेटफॉर्म की एक प्रणाली है जो दक्षिण एशियाई देशों के उच्च विद्यालयों व मध्य विद्यालयों के साथ काम करती है।
शरद को इससे पहले साल 2013 में रॉकेफेलर फाउंडेशन ने इस शताब्दी के 100 सर्वश्रेष्ठ सामाजिक उद्यमियों की सूची में शामिल किया था। इसके अलावा मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी ने मई 2015 में अपनी उद्यमिता पाठ्यक्रम में शरद व उनके विचारों का चित्रण भी किया था।
शरद सागर के इस उपलब्धि ने समस्त बिहारियों को गौरवांवित किया है। जँहा बिहार से बाहर लोग बिहार के शिक्षा का मजाक उड़ाते नही थकते थे वहीं आज विश्वभर के लोग बिहारी प्रतिभा के मुरीद होते नजर आ रहे हैं।
शरद सागर को भविष्य के लिए ढेरों शुभकामनाएं।