बच्चा रॉय के नाम पर बिहारी प्रतिभाओं का मजाक बनाना कितना उचित..?
क्या शिक्षा माफिया बच्चा रॉय और उसके प्राइवेट कॉलेज की बच्ची रूबी रॉय के नाम पर बिहार के अनगिनत प्रतिभाशाली लोगों का मजाक बनाना उचित है।
व्हाट्स जोक्स, कार्टून और भी कई माध्यमों से बिहार के प्रतिभा का मजाक बनाने से क्या बच्चा रॉय जैसे लोग सुधर जायेंगे ?
क्या इन जोक्स एवं कार्टून से बच्चा रॉय जैसे लोगों को कोई फर्क पड़ेगा..?
कभी भी नही, लेकिन इन जोक्स से तमाम वैसे बिहारी जो अपने मेरिट के दम पर दुनिया में बिहार और देश का नाम रौशन कर रहे हैं उनकी भावनाओं को ठेंस जरूर पहुंच रहा है।
देशवासियों मैं एक बिहारी होने के नाते आपसे एक प्रश्न करना चाहता हूँ. क्या हम बिहारियों ने कभी आपकी भावनाओं को आहत पहुंचाने की कोशिश की है..? अगर नही तो फिर ऐसा सौतेला व्यवहार हमारे साथ क्यों..?
बिहार वही भूमि जँहा महात्मा बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ, इसी भूमि पर जन्म लेकर सबसे बड़े गणितज्ञ एवं खगोलविद आर्यभट्ट ने शून्य का आविष्कार किया, देश के पहले राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने भी इसी भूमि पर जन्म लिया।
बिहार का इतिहास अत्यंत गौरवशाली है बिहारी प्रतिभा का विश्व में क्या स्थान रहा इसका साक्ष्य प्रस्तुत करने की हमे आवश्यकता नही है।
फिर बच्चा रॉय जैसे शिक्षा का व्यापारी देश के किस में नही है, ऐसे लोग पैसों की लालच में सबकुछ बेचने को तैयार रहते हैं क्या इन जैसे बदनाम लोगों के कारण पुरे बिहार का मजाक बनाना उचित है..?
देशवासियों समस्त बिहारियों की ओर से आग्रह है की ऐसे जोक्स एवम् कार्टून बनाने एवं भेजने से पहले खुद से एक बार जरूर सवाल करें की आपके द्वारा ये कार्य शोभनीय है..?
#MatBadnamKaroBiharKo
सुमन शेखर