पटना: अब जल्द ही बिहार का हर पंचायत हाई स्पीड इंटरनेट की सेवा से जुडेगा। राज्य के प्रखंडों के बाद अब सभी पंचायतों तक हाइ स्पीड इंटरनेट सेवा प्रदान की जायेगी. केंद्र सरकार की भारत नेट सेवा से राज्य को जोड़ने की प्रक्रिया चल रही है.
सूचना व प्रौद्योगिकी विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. विभाग के स्तर पर हाइ स्पीड इंटरनेट सेवा के लिए विस्वान (बिहार स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क) फेज टू का काम शुरू कराया जा रहा है.
विस्वान फेज वन में प्रखंड स्तर तक को इंटरनेट से जोड़ने का काम पूरा किया जा चुका है. सूचना व प्रावैधिकी मंत्री अशोक चौधरी ने बताया कि विभागीय समीक्षा बैठक में योजनाओं में तेजी लाने का निर्देश दिया है और भारत नेट के माध्यम से 8392 पंचायतों में से 5202 पंचायतों को हाइ स्पीड इंटरनेट सेवा से जोड़ने का काम जल्द शुरु कर दिया जाएगा।
इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है. विस्वान फेज टू का काम शुरू हो जाने से प्रखंड स्तर तक की इंटरनेट कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाया जायेगा. जिससे इ गवरर्नेंस में मदद मिलेगी। इ गवर्नेंस को पूरी तैयारी के साथ लागू करने की भी योजना बनायी गयी. जल्द ही इसे लागू किया जाएगा।
इसके अलावा इ कोर्ट योजना को मिशन मोड पर पूरा कराने का निर्णय लिया गया. इस योजना के तहत हाइ कोर्ट व जिला व्यवहार न्यायालय को इंटरनेट से लैस करने के लिए सभी जज को कंप्यूटर से लैस किया गया है. इससे न्यायिक प्रक्रिया में तेजी आएगी।
इसके साथ ही चुनाव में किये जनता के वादों को पूरा करने के तरफ भी सरकार आगे बढ रही है। राज्य के सभी विश्वविद्यालयों व कॉलेजों व तकनीकी संस्थानों में फ्री वाइ-फाइकी सुविधा देने की प्रक्रिया चल रही है. यह योजना राज्य सरकार की सात निश्चयों में एक है.
इसके तहत छात्र-छात्राओं को विवि-कॉलेज के कैंपस में फ्री वाइ-फाइ सुविधा का लाभ मिलेगा जिससे उनको पढाई में भी मदद मिलेगी।
इसके लिए बेहतर बैंडविथ वाले वाइ-फाइ नेटवर्क को विकसित किया जायेगा. इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया चल रही है. वहीं, राजधानी में भी वाइ-फाइ नेटवर्क सेवा को भी बेहतर बनाने की योजना चल रही है. अशोक चौधरी ने कहा कि शहर में 20 किलोमीटर तक फ्री वाइ-फाइ जोन बनाया है. जो विश्व का सबसे बडा फ्री वाई-फाई जोन है।
मंत्री ने राज्य को आइटी का अगला हब बनाने की योजना पर भी काम शुरू करने का निर्देश दिया है. साथ ही आइटी स्टार्टअप के लिए 31 कंपनियों को बिस्कोमान टावर में जगह देने और इसकी संख्या बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया है।