मनु महाराज का कमाल, बिना लाठी-डंडे के ही बच्चा राय ने कबूला अपना जुर्म
पटना: एक बार फिर मनु महाराज के सुझ-बुझ के बदौलत पटना पुलिस ने मुश्किल काम को असान बना दिया।
बिहार के बहुचर्चित टॉपर घोटाले के आरोपियों ने पुलिस के प्लानिंग में फस कर सबने खुद एक-दुसरे की पोल खोल दी। पुलिस ने बल, छल और दिमाग से आरोपियों से सबकुछ उगलवा लिया जो कि जोर जबर्दस्ती से उगलवाना मुश्किल हों सकता था. एसआईटी ने टॉपर्स घोटाले के तीनों मुख्य आरोपियों को एक साथ रिमांड पर लेकर पूछ ताछ शुरू किया. ऐसे सवाल दागे गये कि आरोपी आपस में भी उलझ गये और एक दुसरे को निर्दोष साबित करने के लिए सबकुछ बकते गये जो कि उन्हें आसानी से उगलवाना टेड़ी खीर साबित हों रहा था.
पूछताछ में टर्निंग प्वाइंट तब आया जब लालकेश्वर व उषा सिन्हा पर आरोप लगा रहे बच्चा राय से उषा सिन्हा उलझ गई। उषा को बच्चा के आरोप बरदाश्त नहीं हुए। वह अपना गुस्सा रोक नहीं पाई और अपनी जगह से उठ बच्चा राय को लगातार गाल पर दो थप्पड़ लगा दी। इससे बच्चा राय गुस्से तिलमिला उठा और और खुद सबकी पोल खोल दी।
इन आरोपों के बिच अब तब बिहार होने का नाटक कर रहे लालकेश्वर ने भी मुंह खोला और उसने बच्चा से सवाल दागे, कहा ‘यह बताओ 2015 की इंटर की परीक्षा के दौरान में तम्हारे स्कूल से 222 उत्तर पुस्तिका एक ही राईटिंग की कैसे मूल्यांकन केंद्र पर पहुंचागयी थी? इसके लिए कदाचार समिती को हमने रिपोर्ट भी किया था, मगर कदाचार समिती ने इस पर रिपोर्ट नही दिया। इस पर बच्चा ने जवाब दिया, तो क्यों नहीं एफआईआर करवा दिये? कैसे मैनेज हुआ यह भी बताईये?
दरअसल जब पूछताछ के दौरान लडाई का माहौल बना तो पुलिस सबको डांट-फटकार जरूर रही थी पर पूरी सख्ती नहीं बरत रही थी। यह पुलिस की प्लानिंग थी। जब उषा ने थप्पड़ जड़ दिया तो तब पुलिस सतर्क हो गई। इस दौरान बच्चा ने कबूल किया कि वह रिजल्ट के लिए उषा सिन्हा को पैसे देता था। आमने-सामने बिठाकर 10 घंटे तक चली पूछताछ में कई मामलों का खुलासा हो गया.