बिहार के मुंगेर की धरती से ही स्वामी सत्यानंद सरस्वती ने 1963 में यह भविष्यवाणी की थी कि योग परम शक्तिशाली विश्व संस्कृति के रूप में प्रकट होगा और विश्व की घटनाओं को निर्देशित करेगा। जब संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की स्वीकृति प्रदान की तो स्वामी सत्यानंद की भविष्यवाणी सही साबित हो गई।
स्वामी सत्यानन्द सरस्वती द्वारा 1963 में स्थापित बिहार स्कूल ऑफ़ योग, मुंगेर ने योग-क्रिया को विश्व पटल पर लाने में विशेष भूमिका निभाई है। मुंगेर का यह योगाश्रम जिसे विश्व का पहला आधुनिक योग केंद्र होने का गौरव प्राप्त है, ने वर्ष 2013 में विश्व योग सम्मेलन का आयोजन कराया था, इसमें करीब 77 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। पिछले 10 साल में यहां देश-विदेश से हजारों लोग योग सीखने आए हैं। इनमें आम आदमी, बिजनेसमैन, सेलिब्रिटी और राजनेता तक शामिल हैं। यहाँ आने वाले सेलिब्रिटी और राजनेताओं को अपने VVIP स्टेटमेंट का कोई फायदा नहीं मिलता, उन्हें भी अन्य लोगों की तरह सुबह से शाम तक स्कूल के रुटीन के अनुसार चलना होता है। यहां अनुशासन का पालन करना सबसे अधिक जरूरी है। यहां पहले से परमिशन लिए बिना प्रवेश करना काफी मुश्किल है। स्कूल में सिर्फ उनलोगों का ही स्वागत होता है जो पूरे दिल से ऑथेंटिक योग की शिक्षा लेना चाहते हैं।
स्कूल में प्राचीन गुरुकुल जैसी शिक्षा प्रणाली है। जहां छात्र अपने गुरु के साथ नजदीकी से जुड़े रहते हैं। गुरु छात्र पर नजर रखते हैं, जिससे वे गलत योग मुद्रा और सांस लेने की तकनीक न सीखें। यहां योग के सभी प्रकार की शिक्षा दी जाती है, जिसमें हठ योग और अष्टांग योग भी शामिल हैं। लोगों को योग को लाइफ स्टाइल में शामिल करना सिखाया जाता है। देश-विदेश से यहाँ अनेक ऐसे लोग आये जो असाध्य बिमारियों से पीड़ित थे पर योगाभ्यास के बाद निरोग भी हो गए।
आज विश्व के लगभग से 60 से अधिक देशों के लोग बिहार योग पद्धति से ही योगाभ्यास कर रहे हैं। ये सभी बिहार योग पद्धति पर आधारित योग केंद्र से संचालित हो रहे हैं। इस पद्धति के जरिये ही लोगों को स्वस्थ जीवन का गुर सिखाया जा रहा है। इन देशों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, ब्राजील, बुल्गारिया, कनाडा, चिली, चीन, कोलंबिया, क्रोएशिया, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, यूनान, ईरान, इराक, आयरलैंड, इटली, जापान, कजाकिस्तान, लेबनान, नेपाल, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, पुर्तगाल, स्कॉटलैंड, रूस, स्पेन, अमेरिका, लंदन, दक्षिण अफ्रीका, स्विट्जरलैंड सहित कई अन्य देश शामिल है।