बिहार का दशरथ माझी, इंसानी जज़्बे, जुनून और मोहब्बत की मिसाल
तुम से मिलती-जुलती मैं आवाज़ कहाँ से लाऊँगा, ताज-महल बन जाए अगर मुम्ताज़ कहाँ से…
6 years ago
तुम से मिलती-जुलती मैं आवाज़ कहाँ से लाऊँगा, ताज-महल बन जाए अगर मुम्ताज़ कहाँ से…
प्रिय बबिता जी, सादर परनाम, पिछला प्रेम पत्र बबलुआ के हाथ धराये थे, पर अभी…