केजरीवाल सरकार को मजदूरों का रेल किराया देने का क्रेडिट भी लूटना है और बिहार से पैसा भी
दिल्ली सरकार ने बिहार सरकार से किराया रिइम्बर्स कराने की मांग के लिए एक पत्र लिखा है
कल 3 बजे शाम में दिल्ली से दूसरी श्रमिक स्पेशल ट्रेन बिहार के मुजफ्फरपुर के लिए रवाना हुई| ट्रेन 1200 मजदूरों को लेकर आज मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पहुँचीं मगर ट्रेन के किराया को लेकर दिल्ली सरकार और बिहार सरकार बच्चों की तरह लड़ रही है|
1200 यात्रियों को ट्रेन से बिहार भेजने के बाद दिल्ली सरकार ने जहाँ एक तरह यह दावा किया कि मजदूरों को ट्रेन का किराया बिहार दिल्ली सरकार ने दिया तो दूसरी तरह यह भी आरोप लगाया कि बिहार सरकार ने इन मजदूरों के ट्रेन का किराया नहीं दिया है| इसबार बिहार सरकार भड़क गयी| बिहार सरकार में मंत्री संजय कुमार झा ने इसपर पलटवार करते हुए कहा, श्रमिकों के ट्रेन किराया को लेकर दिल्ली सरकार के मंत्री झूठ बोल रहे हैं, क्योकि दिल्ली सरकार ने बिहार सरकार से किराया रिइम्बर्स कराने की मांग के लिए एक पत्र लिखा है|”
संजय झा आगे कहते हैं कि एक तरफ आप यह कहते हुए क्रेडिट ले रहे हैं कि आप उन्हें अपने पैसे वापस भेज रहे हैं और दूसरी तरफ आप बिहार सरकार से पैसे वापस करने के लिए कह रहे हैं|
1/2 श्रीमान @ArvindKejriwal जी! झूठ के साथ समस्या यही है कि आप भूल जाते हैं कि कब क्या बोल चुके हैं? अब देखिए न, आपके मंत्री @AapKaGopalRai ट्विटर पर सफेद झूठ बोल रहे हैं कि दिल्ली से मुजफ्फरपुर आनेवाली ट्रेन का किराया आपकी सरकार देगी, फिर चिट्ठी भेजकर हमसे पैसे भी मांगते हैं। pic.twitter.com/qC0i0cmZbi
— Sanjay Kumar Jha (@SanjayJhaBihar) May 8, 2020
इस ट्वीट के जवाब में कुछ देर पहले मंत्री गोपाल राय ने ट्वीट किया है- ‘ये सच है कि दिल्ली सरकार ने बिहार सरकार को चिट्ठी लिखा था। ये भी सच है कि कल दिल्ली सरकार ने 1,200 श्रमिकों का किराया रेलवे को देकर उन्हें मुजफ्फरपुर के लिए रवाना कर दिया। लेकिन ये भी सच है कि बिहार सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं आया।’
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ज्ञात हो कि केंद्र सरकार ने जो नियम बनाये हैं, उसके हिसाब से ट्रेन का 85% किराया केंद्र देगी और 15% किराया उस राज्य को देना होगा जहाँ प्रवासी मजदूर जा रहे हैं| बिहार सरकार मजदूरों को यह किराया राज्य में 21 दिन क्वारंटीन में गुज़ारने के बाद देने की बात कह रही है| वहीं दिल्ली सरकार का कहना है कि ये मजदूर राज्य के शेल्टर होम में रह रहें हैं, वे पहले इसका किराया कैसे देंगें, इसलिए दिल्ली सरकार इसका पैसा देगी|
अब सवाल है कि दिल्ली सरकार पैसा देना का क्रेडिट ले रही है तो फिर बिहार सरकार को पैसा वापस देने के लिए पत्र क्यों भेजी? मजदूरों के नाम पर ऐसी ओछी राजनीति करना पूरी तरह से गलत है|