बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं की सबसे खराब स्थिति है। स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रक्चर के कमी के कारण साधारण दिनों में यहां लोगों को उचित ईलाज नहीं मिल पाता। अभी महामारी के समय तो अस्पतालों में हाहाकार मचा है। अस्पतालों में एक बेड तो छोड़िए लोगों को फर्श पर भी जगह नहीं मिल रहा है।
इन सबके बीच जब आपको पता चले कि लगभग 300 बेड का हॉस्पिटल राज्य में वर्षों से बंद पड़ा है और उसको चालू करवाने को कोई कोशिश नहीं हो रही है तो सिस्टम पर गुस्सा आना लाज़मी है।
अमेरिका के सिस्टर ऑफ चैरिटी नाम की एक सामाजिक संस्था ने 1947 में बिहार के मोकामा में नाजरथ हॉस्पिटल की स्थापित की थी। यहाँ सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध थी। सन् 1984 में यहाँ 280 बेड की क्षमता थी। नॉर्थ ईस्ट राज्यों से भी लोग यहाँ इलाज कराने आते थे।
फिर 2005 में डॉक्टर की कमी, मजदूर यूनियन की हड़ताल और मोकामा की क्षेत्रीय वर्चस्व की रंजिश के कारण यह संस्था बंद होती चली गयी और 2012 आते – आते पूर्ण रूप से बंद हो गयी। यह हॉस्पिटल 100 एकड़ में फैला है। हॉस्पिटल के अलावे बालिका सुधार गृह, नाजरथ स्कूल, नर्स ट्रेनिंग सेंटर, माँ मरियम चर्च इत्यादि कई चीजें चल रही है।
इसे फिर से खोलने के लिए स्थानीय लोग चला रहे मुहिम
स्थानीय लोगों का कहना है कि कोरोना की वजह से हम सबने अपने घर, आस-पास और जान – पहचान के लोगों को खोया है। उससे पहले भी हमारे क्षेत्र में कई महिलाओं को प्रसव के दौरान, कई नवयुवको को अन्य बीमारियों में चिकित्सा के अभाव में जान गवानी पड़ी है। संसाधनों के बावजूद हमें 100 किलोमीटर दूर इलाज हेतु पटना या बेगूसराय इत्यादि जगह जाना पड़ता है।
सरकार कोरोना काल में जहाँ अभी मंदिर, मस्जिद,स्कूल इत्यादि को अस्पताल के रूप में इस्तेमाल कर रही, वहीं मोकामा नाजरथ में 300 बेड से अधिक व्यवस्था, जिसे सीमित समय में 2000 बेड तक किया जा सकता है, वो महज एक डिस्पेंसरी सेंटर बन के रह गया है।
10-20 लोग इलाज के अभाव में हर रोज मर रहे हैं। नाज़रथ अगर खुलता है तो लक्खीसाराय, बाढ़, बेगूसराय, शेखपुरा इत्यादि कई जिलों को लाभ पहुंचाएगा।,
इस मुद्दा पर संस्था, सरकार और और मिडिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए यहां के लोग सोशल मिडिया पर कैंपेन चला रहे हैं। कल शाम यानी सात मई को सात बजे #openmokamanazareth ट्वीट पर ट्रेंड करवाने की योजना है। इस कैंपेन से लोगों ने ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस मुहिम से जुड़ने की अपील की है।