बिहार विधानसभा के पहले चरण में हुए उम्मीद से अच्छे वोटिंग होने से चुनाव आयोग गदगद है| मगर राज्य में आचारसंहिता लागू होने के बाद जो कुछ घटना घटी है, उसके कारण चुनाव आयोग पर कई सवाल खड़े किये जा रहे हैं|
बिहार विधानसभा चुनाव में मुंगेर सदर विधानसभा सीट के एक बूथ के ईवीएम में राजद उम्मीदवार के चुनाव चिह्न लालटेन के आगे बटन ही गायब था। लोगों ने जब इसकी शिकायत की तो 3 घंटे 13 मिनट बाद ही ईवीएम को बदला जा सका। हैरानी वाली बात है कि इसके शिकायत के बावजदू भी मशीन बदले जाने तक मतदान नहीं रोका गया। ऐसे में शुरुआती तीन घंटे तक राजद उम्मीदवार के खाते में एक भी वोट नहीं गए।
इस पूरे मामले में राजद उम्मीदवार अविनाश कुमार विद्यार्थी के चुनाव प्रभारी शिशिर कुमार लालू ने एकतरफा वोटिंग कराए जाने का आरोप लगाया।
मुंगेर गोलीकांड पर भी चुनाव आयोग पर सवाल
बिहार की राजधानी पटना से लगभग 200 किलोमीटर दूर मुंगेर में बीते सोमवार की रात शहर के दीन दयाल चौक के समीप दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान निहत्थे श्रद्धालुओं पर पुलिस की तरफ़ से कथित तौर पर गोलियां चलाई गईं और उन्हें लाठियों से पीटा गया|
सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो वायरल हो रहे हैं जिन्हें मुंगेर की घटना से जुड़ा बताया जा रहा है| इन वीडियो में पुलिसकर्मी हाथों में हथियार लहराते दिखते हैं, फायरिंग की आवाजें सुनाई देती हैं, भगदड़ मचती है, प्रतिमा को पकड़ कर बैठे लोगों पर भी पुलिस लाठियां बरसाती दिखती है|
आचारसंहिता लागू होने के बाद लॉ एंड आर्डर चुनाव आयोग के अंदर आ जाता है, मगर इस घटना के बाद चुनाव आयोग ने तीन दिन बाद करवाई की है, वह भी जनता के सड़क पर उतरने के बाद| लोगों का आरोप है कि चुनाव आयोग जदयू के नेता के इशारे पर काम कर रही है|
कोविड-19 के दिशानिर्देश का नहीं हुआ पालन
बिहार की सभी विपक्षी पार्टी कविड-19 के कारण चुनाव को टालने की अपील कर रही थी| बीजेपी ने भी कभी चुनाव टालने पर अपनी आपत्ति नहीं जताई मगर सिर्फ जदयू ने इसका विरोध किया और चुनाव समय पर करने की मांग की थी| आयोग ने समय पर चुनाव कराने का घोषणा तो किया था मगर कोरोना को ध्यान में रखते हुए कुछ विशेष दिशानिर्देश भी जारी किये थे|
मगर चुनाव प्रचार के दौरान नेताओं के रैलियों में उन दिशानिर्देशों की जमकर उलंघन किया और आयोग घामोसी से देखती रही|