बिहार के अररिया जिले में सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िता को ही जेल भेजने का मामला गरमा गया है। दरअसल छह जुलाई की शाम को अररिया की एक 22 साल की युवती के साथ सामूहिक बलात्कार किये जाने की ख़बर आयी। घटना के दूसरे दिन सात तारीख को महिला थाना, अररिया में कांड संख्या 59/ 2020 दर्ज हुआ।
थाने में दर्ज शिकायत में कहा गया है कि
‘छह जुलाई की शाम साहिल ने मुझे मोटरसाइकिल सिखाने के लिए बुलाया। मेरा जाने का मन नहीं था फिर भी उसके बार- बार जिद करने की वजह से वहाँ चली गयी। वहाँ से वह मुझे एक स्कूल कैंपस ले गया और उसने बाइक चलाना सिखाया। देर हो रही थी, इसलिये मैंने उसे घर छोड़ने को कहा, लेकिन वह मुझे नहर के समीप सुनसान सड़क पर ले गया, जहाँ पहले से तीन अज्ञात लोग खड़े थे। उसके बाद वे मुझे अगवा कर सुनसान जंगल ले गये और मेरे साथ दुष्कर्म किया। देर रात मुझे नहर के पास छोड़ दिया गया। यहीं से मैंने कल्याणी को कॉल किया और कल्याणी के घर गयी।’
बिहार के अररिया में एक रेप सर्वाइवर और उसकी दो दोस्तों को सरकारी काम काज में बाधा डालने के आरोप में जेल भेज दिया गया। ये तब हुआ जब कचहरी में जज के सामने बयान दर्ज किया जा रहा था। बलात्कार पीड़िता को अररिया कोर्ट ने विशेष सुनवाई करते हुए ज़मानत दे दी है।हालांकि उनकी दो सहयोगियों- जन जागरण शक्ति संगठन की कार्यकर्ता तन्मय निवेदिता और कल्याणी को ज़मानत नहीं मिली है।
कौन हैं तन्मय निवेदिता और कल्याणी
कल्याणी और तन्मय निवेदिता जन जागरण शक्ति संगठन के कार्यकर्ता हैं। पीड़िता तन्मय और कल्याणी के घर काम करती थी। तन्मय और कल्याणी रेप सर्वाइवर के सहयोगी है।
क्यों तन्मय और कल्याणी को जेल भेजा गया
मामले को लेकर 10 जुलाई को अदालत में बयान दर्ज किया गया। उसी दौरान पीड़िता ने आग्रह किया कि उसके बयान को उसकी मददगार के सामने पढ़ा जाये।
कोर्ट ने तब कल्याणी को तलब किया और उसके बाद न्यायालय कक्ष में तन्मय भी गए। कोर्ट से आग्रह किया गया कि जब पीड़िता ऐसा चाह रही है तो इसमें हर्ज क्या है। इसके बाद न्यायालय ने पीड़िता समेत दोनों के ख़िलाफ़ अवमानना का मामला दायर कर न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दे दिया। सभी को दलसिंह सराय जेल में बंद कर दिया गया।
बता दें कि देश भर के वकीलों और 63 संस्थाओं ने पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर रेप सर्वाइवर और उसके दो सहयोगियों को रिहा करने की मांग की थी. पत्र में रेप सर्वाइवर के दुष्कर्म मामले में भी न्यायिक प्रक्रिया को तेज करने की मांग की थी।