बिहार विधानसभा चुनाव 2020 की घोषणा सितंबर में की जा सकती है। चुनाव आयोग ने अब यह स्पष्ट कर दिया है कि बिहार में विधानसभा के चुनाव तय समय पर ही होंगे। इसके लिए आवश्यक सभी तैयारियां भी की जा रही हैं। केंद्रीय चुनाव आयोग ने कोरोना काल में चुनाव कैसे संपन्न कराया जाए इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके साथ ही मतदान किस तरह से करवाया जा सकता है इसको लेकर भी केंद्रीय चुनाव आयोग ने निर्देश जारी किए हैं।
12 करोड़ की आबादी वाले बिहार में इस बार 7 करोड़ 31 लाख मतदाता होंगे। चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि सभी राजनीतिक दलों को कोरोना महामारी को लेकर सभी नियमों का पालन करना आवश्यक होगा। बता दें कि बिहार में 2015 का चुनाव पांच चरणों में आयोजित किया गया था। उसकी घोषणा भी सितंबर में ही की गई थी। 243 विधानसभा क्षेत्र वाले बिहार विधान सभा का कार्यकाल 29 नवंबर तक है।
EC ने जारी किए दिशा निर्देश
देश भर में कोरोना के मामले तेज़ी से बढ़ते नज़र आ रहे है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है की क्या बिहार चुनाव जो इस साल के आखिर में होने है, वह वक्त पर हो पायेंगे या नहीं? क्योंकि सोशल डिस्टेंसिंग, कंटेनमेंट जोन और होम क्वॉरेंटाइन और आइसोलेशन जैसे कई सारे मुद्दे हैं जिनको ध्यान में रखकर ही चुनाव करवाया जा सकता है।
इन सब पहलुओं को ध्यान रखते हुए चुनाव आयोग ने अब अपनी तरफ से तैयारियां शुरू कर दी हैं। केंद्रीय चुनाव आयोग ने यह निर्देश जारी कर दिया है कि किसी भी पोलिंग स्टेशन पर 1000 से ज्यादा मतदाता नहीं होंगे और जब मतदान होगा तो केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देश मसलन सोशल डिस्टेंसिंग सैनिटाइजेशन के साथ ही अन्य सावधानियों का पूरी तरह से पालन किया जाएगा।
बिहार में बनाए जाएंगे 33,797 अतिरिक्त मतदान केंद्र
बिहार चुनाव को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब एक पोलिंग स्टेशन पर हजार से ज्यादा मतदाता नहीं होंगे। फिलहाल कई ऐसे मतदान केंद्र है, जहां 1500 मतदाता होते हैं, लेकिन कोरोना की वजह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना जरूरी है, इसलिए बिहार में 33,797 अतिरिक्त पोलिंग स्टेशन भी बनाए जा रहे हैं। बिहार में फिलहाल 73 हजार बूथ हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह भी बताया कि अतिरिक्त पोलिंग बूथ के लिए करीब दो लाख मतदान कर्मियों की भी जरूरत होगी।
पोस्टल बैलट से मतदान कर सकेंगे 65 साल से अधिक उम्र के मतदाता
अब 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों और जो होम आइसोलेशन या क्वॉरेंटाइन में है ऐसे लोगों के द्वारा मतदान किया जा सके इसके लिए पोस्टल बैलट का भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। हालांकि अभी तक सिर्फ 80 साल से ज्यादा उम्र के लोगों और चुनाव के दौरान जरूरी सेवा में लगे लोगों के लिए ही पोस्टल बैलट की सुविधा दी गई थी। लेकिन कोरोना काल में अब 65 साल से उम्र से ज़्यादा और होम क्वारंटाइन में रह रहे के लोगों को भी पोस्टल बैलट इस्तेमाल करने की सुविधा दी जाएगी।
M-3 मॉडल के EVM और VVPAT से होंगे चुनाव
इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में EVM- M3 यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन मार्क3 का इस्तेमाल किया जाएगा। बताया जाता है कि EVM- M3 के चिप को सिर्फ एक ही बार प्रोग्राम किया जा सकता है। इसके अलावा चिप के सॉफ्टवेयर को भी नहीं पढ़ा जा सकता। इसे ना तो इंटरनेट ना ही किसी नेटवर्क से जोड़ा जा सकता है।
क्या कहते है दूसरी पार्टी के सदस्य
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने 26 जून को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। इस बैठक में 8 मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनीतिक दल और चार राज्य स्तरीय दल के प्रतिनिधि शामिल हुए थे।
इस दौरान जेडीयू की तरफ से यह मांग की गई थी कि, कोरोना संक्रमण को देखते हुए बिहार विधानसभा चुनाव एक फेज में करा लिया जाए। जेडीयू की इस मांग पर विपक्षी दलों ने भी कहा था कि यह चुनाव आयोग को तय करना है कि बिहार में कितने फेज में चुनाव होंगे।
बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मंगलवार को इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि “कारोनाकाल चुनाव के लिए उपयुक्त समय नहीं है, शवों के ढेर पर चुनाव कराना सही नहीं है।”
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए सवालिया लहजे में कहा, “क्या नीतीश कुमार को इस बात का डर है कि समय पर चुनाव नहीं हुए तो बिहार में राष्ट्रपति शासन लग जाएगा और राष्ट्रपति शासन रहते ही चुनाव होगा?”
बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनंद ने मंगलवार को कहा कि राजद चुनाव आयोग के काम में हस्तक्षेप न करे, आरजेडी चुनाव मैदान से भागना चाहता है। उन्होंने कहा कि कोरोना से केंद्र और राज्य सरकार आम जनता के साथ मिलकर लड़ेगी।
इस सब के बीच चुनाव आयोग ने जिस तरह से तैयारियां करने शुरू की हैं उसे इस बात की ओर इशारा तो जरूर मिल रहा है कि चुनाव आयोग की कोशिश यह है कि चुनाव अपने तय वक्त पर हो सकें। लेकिन उस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों का भी पूरी तरह से पालन हो।