दुनियाभर में कोरोना वायरस संकट के बीच आज आंतरारष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। 21 जून को 6वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर को लेकर लोग काफी उत्साहित है। कुछ ऐसा ही हाल बिहार का है। प्राचीन काल से ही भारत वर्ष में योग की समृद्ध परंपरा रही है। बिहार के मुंगेर जिले को ‘योग नगरी’ के नाम से जाना जाता है। यहां स्थित है दुनिया का पहला योग विद्यालय ‘बिहार स्कूल ऑफ योगा’। योग को आगे बढ़ाने में ‘बिहार स्कूल ऑफ़ योगा’ का योगदान काफी महत्वपूर्ण रहा है। ‘बिहार स्कूल ऑफ़ योगा’ की स्थापना स्वामी सत्यानंद ने सन् 1964 में मुंगेर के गंगा नदी के तट पर की थी। ‘बिहार स्कूल ऑफ योगा’ को दुनिया का पहला योग विद्यालय माना जाता है। आज यहां पूरी दुनिया के लोग बिना किसी भेदभाव के योग सीखते हैं।
स्वामी सत्यानंद सरस्वती ने योग सिखाने के लिए 300 से ज्यादा पुस्तकें लिखीं, जिसमें योग के सिद्धांत कम और प्रयोग ज्यादा हैं। वर्ष 2010 में सत्यानंद स्वामी के निधन के बाद इस स्कूल की जिम्मेदारी स्वामी निरंजनानंद के कंधों पर आ गई। बिहार स्कूल ऑफ योग के शिक्षक दीपक ब्यास कहते हैं, “यह स्कूल केवल बिहार तक ही सीमित नहीं है, यह देश के विभिन्न कॉलेजों, जेलों, अस्पतालों और अन्य कई संस्थाओं में लोगों को योग का प्रशिक्षण देता है। आज इस विशिष्ट योग शिक्षा केंद्र से प्रशिक्षित 14,000 शिष्य और 1,200 से अधिक योग शिक्षक देश-विदेश में योग ज्ञान का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं।”
पतंजलि और गीता के योग दर्शन पर आधारित यह संस्थान विज्ञान, चिकित्सा और मनोविज्ञान को समन्वय कर आज योग की व्यावहारिक शिक्षा दे रहा है। बिहार स्कूल ऑफ़ योगा की स्थापना के समय स्वामी सत्यानंद सरस्वती ने कहा था कि योग भविष्य की संस्कृति बनेगी। उनकी कही यह बातें आज सच हो रही हैं।
आश्रम के नियम
आश्रम में प्रतिदिन सुबह चार बजे उठकर व्यक्तिगत साधना करनी पड़ती है। इसके बाद निर्धारित नियमित कार्यक्रम के अनुसार कक्षाएं शुरू होती हैं। शाम 6:30 बजे कीर्तन के बाद 7:30 बजे अपने कमरे में व्यक्तिगत साधना का समय निर्धारित है। रात आठ बजे आवासीय परिसर बंद हो जाता है। यहां खास-खास दिन महामृत्युंजय मंत्र, शिव महिमा स्त्रोत, सौंदर्य लहरी, सुंदरकांड व हनुमान चालीसा का पाठ करने का भी नियम है। बसंत पंचमी (सरस्वती पूजा) के दिन हर साल स्कूल का स्थापना दिवस मनाया जाता है। इसके अलावा गुरु पूर्णिमा, नवरात्र, शिव जन्मोत्सव व स्वामी सत्यानंद संन्यास दिवस पर भी विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
योगा एट होम विद फैमिली
योग का अभ्यास शारीरिक ही नहीं मानसिक तौर पर भी इंसान को मजबूत बनाता है। कोविड-19 वैश्विक महामारी से बचाव के दृष्टिगत सरकार की ओर से छठे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन ‘योगा एट होम विद फैमिली’ की थीम पर ऑनलाइन किया जा रहा है। इस वक्त लोग वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के दौर से गुजर रहे हैं। ऐसे में बचाव और रोकथाम के लिए दुनियाभर में इस महामारी से रोकथाम के लिए स्वास्थ्य संगठन और चिकित्सक लोगों को अपनी शारीरिक और मानसिक स्थिति को मजबूत करने और रोग-प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करने के लिए योग जैसे पौराणिक व्यायाम करने का सुझाव दे रहे हैं। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने योग दिवस पर देशवासियों को बधाई दी है। कई केंद्रीय मंत्री और नेताओं समेत अन्य लोग अपने घरों पर योगाभ्यास करते नजर आए। वहीं, देश की सीमाओं पर जवानों ने भी योगाभ्यास किया।