सामान्य प्रशासन विभाग, बिहार सरकार की अधिसूचना के आदेश पर भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी व दिल्ली स्थित बिहार भवन की विशेष स्थानिक आयुक्त पलका साहनी ने बुधवार को स्थानिक आयुक्त (रेजिडेंट कमिश्नर) के तौर पर पदभार ग्रहण किया।
उन्होंने कोरोना लॉकडाउन के दौरान बिहार के प्रवासी मजदूरों की समस्या से निपटने के लिए बिहार के विशेष स्थानिक आयुक्त के तौर पर कार्य किया है।
पलका साहनी बिहार में तीन जिलों (जहानाबाद, खगड़िया, नालंदा) की जिलाधिकारी (डीएम) रह चुकी हैं। वे ‘दक्षिण बिहार बिजली वितरण विभाग’ की पहली एमडी भी रह चुकीं हैं। उनके प्रयासों से राज्य में बिजली उपलब्धता में बड़े पैमाने पर सुधार के साथ-साथ बिजली वितरण बुनियादी ढाँचे को मजबूत किया गया। उन्होंने ‘बिहार राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम लिमिटेड’ का भी नेतृत्व किया है और आईटी कार्यक्रमों के निष्पादन में सफल क्रियान्वन किया है|
आईएएस अधिकारी साहनी ने बिहार भवन में 24×7 हेल्पलाइन-कम-कंट्रोल रूम की स्थापना व क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके तहत देश के विभिन्न राज्यों में प्रवासियों की सहायता और कोविड -19 के फैलते संक्रमण के बीच भोजन, आश्रय और कई अन्य अनुरोधों और शिकायतों के बारे में उनकी चिंताओं का समाधान किया गया
पलका साहनी ने ‘औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय’ में निदेशक के रूप में कार्य किया है, जहाँ उन्होंने “मेक इन इंडिया” और “ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस” जैसे भारत सरकार के प्रख्यात प्रमुख उपक्रमों को संभाला है। उन्होंने एक ऐसी टीम का भी नेतृत्व किया है जिसने भारत को विश्व बैंक की “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” रैंकिंग में शीर्ष -100 में दाख़िल होने में अहम भूमिका निभाई थी।
उन्होंने एकीकृत विद्युत विकास योजना (आईपीडीएस), पीएफसी लिमिटेड में कार्यकारी निदेशक के रूप में भी काम किया है। यह शहरी क्षेत्रों में बिजली वितरण प्रणाली के सुदृढ़ीकरण और आधुनिकीकरण के उद्देश्य से भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम भी था।