अनलॉक-1 में बिहार सरकार ने केंद्र की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन कराते हुए बिहार के 900 कंटेनमेंट इलाके को छोड़ सभी जगह छूट दी है। अब बिहार में घर वापसी करने वाले प्रवासी मजदूरों की संख्या काफी कम हो गई है। लिहाजा बिहार सरकार ने ब्लॉग क्वारंटीन सेंटरों को धीरे-धीरे बंद करने का निर्णय लिया है।
कोरोना महामारी के बीच बिहार में मंगलवार 2 जून से आने वाले लोगो को सरकार की ओर से क्वारंटाइन नहीं किया जाएगा। राज्ये में सोमवार तक लोटे लोगो का पंजीकरण किया गया था और साथ ही उन्हें क्वारंटाइन सेंटर भी भेजा गया था। बिहार में करीब 5000 से ज्यादा क्वारंटाइन सेंटर है जिसमें करीब 13 लाख प्रवासी अभी तक आ चुके हैं। हालांकि इन क्वारंटाइन सेंटर को सरकार ने बंद करने का बड़ा फैसला लिया है और इसके साथ-साथ सरकार ने रेलवे स्टेशन पर थर्मल स्क्रीनिंग को भी बंद करने का फैसला लिया है।
हालांकि, हर स्टेशन पर मेडिकल डेस्क ज़रूर होगा जो बीमार महसूस कर रहे लोगों को मदद देगा।
बिहार सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क सचिव अनुपम कुमार ने बताया कि बिहार की ओर आने वाले जितने लोगों की घर वापसी होनी थी, वे लगभग पूरी हो चुकी है जो बचे हुए हैं उनके भी एक दो दिन में आने की उम्मीद है। बता दें कि जो लोग बाहर से आते हैं उन्हें 14 दिन तक क्वारंटीन किया जाता है। इस लिहाज से मानकर चला जा रहा है कि एक-दो दिन में जो लोग आएंगे उनका क्वारंटीन 15 जून तक खत्म हो जाएगा। इसलिए 15 जून तक सभी क्वारंटाइन सेंटर को बंद कर दिया जाएगा।
बिहार सरकार का यह फैसला उस समय लिया गया है जब राज्ये लौटने वाले कई प्रवासियों को कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। बिहार में कोरोना संक्रमित की संख्या 3926 हो चुकी हैं, जिनमे से 2743 प्रवासी है जो सोमवार को लौटे है। इसके आलावा महाराष्ट्र, दिल्ली, हरयाणा, गुजरात और राजस्थान से लौटने वाले प्रवासियों में भी कोरोना की पुष्टि हुई हैं।
डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग को लेकर मुख्यमंत्री का खास निर्देश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग को लेकर खास निर्देश अधिकारियों को दिया है। नीतीश कुमार ने कहा है कि डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग के दौरान जिस घर में गंभीर बीमारी वाले व्यक्ति हैं, उन्हें चिन्हित कर विशेष रूप से ध्यान रखा जाए। इसके अलावा लॉकडाउन में मिली ढील की वजह से मार्केट में भीड़ बढ़ेगी। इसे देखते हुए कोरोना से बचने के लिए बड़े स्केल पर सभी पंचायतों में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए मीडिया, माइकिंग और अन्य साधनों की मदद ली जाएगी।