एक तो बिहार में अवसरों और उत्कृष्ट संस्थाओं कि कमी है जिसके कारण देश में सबसे ज्यादा पलायन का दर्द बिहार झेल रहा है| विकाश के दौर में पीछे छूट गये बिहार को केंद्र सरकार को कायदे से इस राज्य को विशेष मदद करना चाहिए| मगर केंद्र में बैठी मोदी सरकार मदद की तो छोड़िये, यहाँ सौ साल से भी ज्यादा साल से स्थापित केंद्रीय संस्था को भी दुसरे राज्य में स्थांतरित करने का सोच रही है|
बिहार के जमालपुर में मौजूद रेलवे प्रशिक्षण संस्थान को बिहार से लखनऊ स्थानांतरित करने का सोच रही है| इस सौतेला व्यवहार के खिलाफ एक मई को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा| जिसमें इस संस्था को मुंगेर से बाहर शिफ्ट करने को लेकर रेल मंत्रालय के आदेश पर बिहार ने सख्त प्रतिक्रिया जताई थी|
अब बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने इस मामले को लेकर एक के बाद एक कई ट्वीट किए. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा- “जमालपुर में स्थित इंडियन रेलवे इंस्टीट्यूट ऑफ मेकेनिकल एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (IRIMEE) को मुंगेर से बाहर शिफ्ट करने को लेकर रेल मंत्रालय के आदेश पर बिहार ने सख्त प्रतिक्रिया जताई थी. मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने इस मामले में केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल से दखल देने को कहा था.”
उन्होंने आगे लिखा- ” IRIMEE रेलवे और बिहार की समृद्ध विरासत का प्रतिनिधित्व करता है. बिहार के साथ इसका बहुत ऐतिहासिक संबंध है, जिसे मजबूत किए जाने की जरूरत है न कि इसे बिहार से अलग किए जाने की. ”
ज्ञात हो कि देश का यह सबसे पुराना केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान एक प्रतिष्ठित संस्थान है और बिहार का गौरव रहा है| इसकी स्थापना 1888 में हुई| आईआरआईएमईई जमालपुर 1927 से भारतीय रेलवे के शीर्ष प्रतिभाओं को प्रशिक्षित करने के लिए सबसे प्रतिष्ठित केंद्र रहा है|
संजय झा ने सवाल उठाया कि 93 साल की विरासत को इतने ढिठाई से कैसे मिटाया जा सकता है?
इससे से पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने भी इस फैसला का कड़ा विरोध किया था| उन्होंने बिहार को इसके लिए लड़ने का सुझाव दिया था| उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ”यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत सरकार ने बिहार के जमालपुर में दशकों पुराने रेलवे प्रशिक्षण संस्थान को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में स्थानांतरित करने का आदेश दिया है| लॉकडाउन के दौरान ऐसा करना बेहद ही बुरी बात है| बिहार को इसके लिए लड़ना होगा|”
इस मुद्दे को लेकर सियासी तूफ़ान खड़ा होने के बाद नीतीश सरकार में सामिल बीजेपी के नेता और उपमुख्यमंत्री ने एक ट्वीट करते हुए डैमेज कण्ट्रोल करने की कोशिश की| उन्होंने इस खबर को भ्रामक बताया मगर साथ ही यह भी माना की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस विषय पर केंद्र सरकार को पत्र लिखा था|
Source: NDTV