पुरे देश से मजदूर श्रमिक स्पेशल ट्रेन से बिहार लौट रहे हैं मगर गुरुवार की सुबह एक श्रमिक ट्रेन से बिहार के खगड़िया के मजदूर तेलंगाना के लिंगमपल्ली रवाना हुए| तेलंगाना को अपने चावल मीलों को चलाने के लिए मजदूरों की जरुरत थी, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के आवेदन पर बिहार सरकार ने मजदूरों को तेलंगाना ले जाने की अनुमति दे दी|
ये वे मजदूर हैं जो लॉकडाउन के पहले ही होली की छुट्टी में अपने गाँव में आये थे| काम प्रभावित न हो इसलिए तेलंगाना की सरकार ने खुद ट्रेन का किराया देकर इन्हें वापस काम पर बुलाया है|
अब तक 40 ट्रेनें मजदूरों को लेकर बिहार पहुंच चुकी है| वहीं 150 ट्रेनों का शेड्यूल हो चुका है|
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खगड़िया के डीएम आलोक रंजन घोष ने यह साफ़ किया कि उन्हीं मजदूरों को स्पेशल ट्रेन से तेलंगाना भेजा गया है जो जाना चाहते थे| सभी अपनी मर्जी से काम पर लौटे हैं| सभी मजदूरों का स्क्रीनिंग करने के बाद उन्हें गुरुवार की सुबह 3 बजकर 45 मिनट पर श्रमिक स्पेशल ट्रेन से तेलंगाना रवाना किया गया|
तेलंगाना सरकार द्वारा मजदूरों को अपने पैसे पर, विशेष अनुमति के साथ काम पर बुलाने के मामले की खूब चर्चा हो रही है| ऐसा कई मौके आयें हैं जब बिहारी मजदूरों को अपने राज्य वापस चले जाने को कहा जाता था, उनके साथ भेदभाव किया जाता था मगर समय ने अपनी करवट बदली और सबको मजदूरों की कीमत समझा दिया|
वहीं बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने इसबार ट्वीट करते हुए कहा, ” लाॅकडाउन ने विकसित राज्यों को बिहार की श्रम शक्ति का एहसास करा दिया|
तेलंगाना के साथ अब कर्नाटक भी मजदूरों को रोकने की कोशिश कर रहा है| मजदूरों को रोकने के लिए कर्नाटक सरकार ने तो उन्हें घर जाने के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने से ही मना कर दिया था मगर विपक्ष के हंगामे के बाद उन्हें अपना फैसला बदलना पड़ा|
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