शुरुवाती दिनों में बिहार में धीमी रफ़्तार दिखाने वाली कोरोना वायरस ने राज्य में अपनी रफ़्तार कई गुना बढ़ा दिया है| बिहार में जितना कोरोना वायरस संक्रमण फैलने में तीस दिन उतना अब मात्र कुछ ही दिनों में फैल जा रहा है| बिहार में कोरोना का पहला केस 22 मार्च को रिपोर्ट की गयी थी जो मुंगेर का मृतक का था। यानि 30 दिन में 96 केस आए। लेकिन 20 अप्रैल से 24 अप्रैल यानि सिर्फ 4 दिन में 81 कोरोना पॉजिटिव सामने आ गए हैं।
इस रिपोर्ट को लिखे जाने तक राज्य के 18 जिलों में कुल 182 मरीज मिल चुके हैं। इसके साथ 37 कोरोना पॉजिटिव मरीजाें के साथ मुंगेर राज्य का सबसे बड़ा हॉट-स्पॉट बनकर उभरा है। मुंगेर व वैशाली के दो मरीजों की मौत भी हो चुकी है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक मरीजों के तेजी से बढ़ने की वजह संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना ही है| इनके संपर्क में आने वाले परिवार या पास पड़ोस के लोग संक्रमित होते चले गए। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि लॉकडाउन का सही से पालन और ट्रैवल हिस्ट्री या कोरोना के लक्षण की जानकारी फौरन नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में देना ही एकमात्र उपाय है जिससे राज्य में कोरोना के और फैलने पर लगाम लगाई जा सकती है।
सिवान बिहार का पहला जिला है, जहां एक-एक कर 29 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने से हड़कम्प मच गया था। सिवान बिहार का पहला कोरोना हॉट-स्पॉट भी बना था। लेकिन स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन की कोशिशें रंग लाई और यहां के संक्रमण चेन को तोड़ने में सफलता मिली। वहां के 18 कोरोना पॉजिटिव मरीज एक-एक कर स्वस्थ हो चुके हैं।
डॉक्टरों के मुताबिक अब लोगों को और सतर्क होना होगा और लॉकडाउन को और कराई से लागू करने की जरुरत है| तभी कोरोना के चैन को पूरी तरह तोड़ा जा सकता है|