नीतीश कुमार अपने सहयोगी पार्टी बीजेपी के विधायक और अन्य राज्य में उनके सरकार के फैसले के कारण खुद के बातों में फसते नजर आ रहे हैं| प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लॉकडाउन का दुहाई देते हुये नीतीश कुमार ने कोटा में फसे बच्चों को वही रहने को कहा था मगर उनके बयान के बाद यूपी की सरकार ने बसों को भेजकर अपने छात्रों को बुला लिया| योगी सरकार के फैसले के दवाब से नीतीश सरकार निपट ही रही थी कि उनके ही सरकार द्वारा बीजेपी विधायक अनिल सिंह को कोटा में फसे उनके बेटी को लाने के लिए जारी पास सोशल मीडिया पर वायरल हो गया|
इतना ही नहीं, अब मध्य प्रदेश सरकार भी राजस्थान के कोटा से अपने राज्य के छात्रों को वापस लाने की तैयारी में है। जानकारी के मुताबिक, शिवराज सरकार ने लगभग 100 बसें भेजने का फैसला लिया है। 50 सीटों वाली इन बसों के जरिए कोटा में मध्य प्रदेश के छात्रों को वापस लाया जाएगा। करीब 2500 छात्रों को निकालने की योजना है। शिवराज सरकार के इस फैसले के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी छात्रों को निकालने को लेकर दबाव बढ़ेगा।
ज्ञात हो कि कोरोना महामारी के बीच राजस्थान का कोटा शहर अब राजनीति के अखाड़े में तब्दील हो गया है। बिहार-यूपी से हजारों छात्र वहां मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रवेश परीक्षा की तयारी करने जाते हैं| अब वे हजारों छात्र लॉकडाउन में वहीं अटक गए हैं।
करीब 35 हजार फंसे छात्रों की घर वापसी को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच कड़वाहट पैदा हो गई है। दरअसल, कोटा में फंसे छात्रों की घर वापसी को लेकर चर्चा कुछ दिन पहले ही चल रही थी।
विवाद तब बढ़ा जब राजस्थान सरकार के ओर से इन छात्रों को अपने घर लौटने के लिए पास जारी किया जाने लगा। मगर कुछ छात्र अपने गृह राज्य की सीमा पर पहुंचे तो उन्हें रोक दिया गया। इसके बाद बिहार सरकार ने केंद्र को पत्र लिखकर कहा कि ये लॉकडाउन के नियमों के खिलाफ है, कोटा के डीएम पर तुरंत कार्रवाई की जाए।
करवाई तो नहीं हुई मगर अन्य राज्य सरकारें धीरे-धीरे अपने बच्चों को वहां से निकाल रही है मगर बिहार सरकार अभी भी लॉक डाउन की दुहाई दे रही है|