कोरोना वायरस से बिहार लड़ ही रहा था कि उत्तर बिहार से एक और संकट ने राज्य में दस्तक दे चुकी है| पिछले साल सकड़ों बच्चों की जान लेने वाली खतरनाक बीमारी एईएस यानी चमकी बुखार के कारण रोज किसी न किसी बच्चे के हॉस्पिटल में एडमिट होने की खबर आ रही है| अबतक राज्य में तीन बच्चों की जान जा चुकी है और पिछले 13 घंटे में चमकी-बुखार से पीड़ित दो बच्चे एसकेएमसीएच में भर्ती हुए हैं|
ज्ञात हो कि राज्य के मुजफ्फरपुर और आसपास के जिलों के 185 बच्चों की जान ले लेने और 615 से अधिक बच्चे जगह-जगह बीमार पड़े थे|
पिछले साल चमकी बुखार से मरने वाले लगभग सभी बच्चें गरीब परिवार से थे| सेंटर फॉर रिसर्च एंड डायलॉग द्वारा 227 पीड़ित बच्चों के परिवार के बीच कराए गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक इनमें से 97.8 फीसदी परिवार की मासिक आमदनी 10 हजार रुपये से कम थी और 96.5 फीसदी बच्चे दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित थे| इनमें से ज्यादातर बच्चों के कुपोषित होने की बात कही जाती है| जाहिर सी बात है कि ऐसे परिवार इस गंभीर बीमारी का मुकाबला करने में अकेले सक्षम नहीं हो पाते, इन्हें सरकार और समाज दोनों का सहयोग चाहिए| मगर इस बार कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण पूरी स्वास्थ व्यवस्था और पूरा सरकारी तंत्र व्यस्त है और कोरोना वायरस के दर से आस-पास के लोगों का सहयोग मिलना भी मुश्किल है| फिर सवाल है कि इस बार चमकी बुखार प्रकोप को कैसे रोका जायेगा?
यही नहीं, कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन की वजह से जागरूकता का काम ठप पड़ा है| जापानी बुखार के टीकाकरण में घपलेबाजी सामने आ गई और कई बच्चों के छूटने की खबर है, उसे दुबारा शुरू नहीं कराया जा सका है|
जिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और आशा वर्कर को इन बच्चों के बचाव के अभियान में जुटना था, वे कोरोना संक्रमितों की पहचान में लगी हैं| मुजफ्फरपुर में सिर्फ 38 सरकारी एंबुलेंस हैं, जिनमें आधे जर्जर बताई जा रही हैं| उन पर दोहरी जिम्मेदारी है| कोरोना की भी और चमकी बुखार की भी| जिले के हर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दो बेड का पीकू वार्ड तैयार किया गया था, उसे अब कोरोना आइसोलेशन वार्ड में बदल दिया गया है| पहले से ही कम मैनपावर की समस्या से जूझ रहा मुजफ्फरपुर के स्वास्थ्य विभाग का इस बार पूरा फोकस कोरोना संक्रमण से मुकाबले पर है|
हालांकि बिहार में चमकी बुखार का दोबारा प्रकोप शुरू होने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चिंता जताई है| उन्होंने डॉक्टरों को मेडिकल क्षेत्र से जुड़ी सभी तैयारियां करने को कहा है|