महिला दिवस से पहले सीतामढ़ी कि डीएम अभिलाषा कुमारी ने एक अनोखी पहल की है| ‘मीट योर कलेक्टर कार्यक्रम’ के तहत डीएम ने सरकारी स्कूल की बच्चियों को एक दिन का डीएम-एसपी बनाकर, उन्हें अपनी कुर्सी पर बैठाकर महिला सशक्तिकरण का एक बड़ा दिया संदेश दिया है|
सीतामढ़ी डीएम (District Magistrate of Sitamarhi) की यह पहल अनिल कुपूर की मशहूर नायक फिल्म की याद दिलाती है| कुछ इसी तरह का दृश्य समाहरणालय में उस समय उपस्थित हुआ जब ‘मीट योर कलेक्टर कार्यक्रम’ (Meet Your Collector) में आई सरकारी स्कूल की बच्चियों को डीएम ने न केवल उन्हें डीएम-एसपी के कुर्सी पर बैठाया बल्कि कुछ समय के लिए पद की जवाबदेही एवं कार्यों से भी रूबरू होने का अवसर दिया।
बताते चले की नायक फिल्म जिसमे अनिल कपूर को एक दिन का सीएम बनने का मौका मिला था। उस एक दिन में
फिल्म के नायक ने राज्य की तस्वीर बदलने की कोशिश की थी। सीतामढ़ी समाहरणालय मे कुछ एसा ही नजारा उस समय देखने को मिला जब सरकारी स्कुल के छात्राओ को सीतामढ़ी के डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने कुछ घंटों के डीएम और एसपी बना दिया।
ज्ञात हो कि सीतामढ़ी की डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने आने वाले राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर सरकारी स्कूल मे पढ़ने वाली बच्चियों का मनोबल बढ़ाने एवं उनके सपनों की उड़ान को नई पंख देने के लिए मंगलवार को घंटो उनके साथ समय बिताया| अपने कार्यालय कक्ष मे डीएम ने अपने साथ मौजूद बच्चियों का हौसला बढ़ाते हुये उन्हे देश के सर्वोच्च सेवा मे जाने के लिये भी प्रेरित
किया।
डीएम बच्चियों को लेकर एसपी कार्यालय पहुंची
डीएम बच्चियों को लेकर एसपी कार्यालय भी पहुंची जहाँ उनमे से एक बच्ची को एक दिन का एसपी भी बना दिया। सरकारी स्कूल की छात्रा ने भी एसपी बनते ही अपनी प्रतिभा प्रदर्शित कर ही दिया। जब पुलिस पदाधिकारियो के खिलाफ कार्यालय कक्ष मे ही शिकायत लेकर कई फरियादी पहुँचे तो नई बनाई गई एसपी ने थानाध्यक्ष को फोन लगाया और उन्हे ठीक तरिके से काम करने की नसीहत तक दे डाली और थानाध्यक्ष को रिश्वत लिये जाने पर उसे सस्पेन्ड करने का भी चेतावनी तक दे डाली। फोन के दुसरे तरफ जो थानेदार नई एसपी साहिबा की बात सून रहे थे| वे भी परेशान थे आखिरकार यह लेडी सिंघम एसपी अचानक जिले मे कब से योगदान देने लगी|
एक दिन की डीएम
एक दिन के डीएम के दरबार मे जब फरियाद लगाने कई लोग पहुँचे, जिसमें कई लोग जमीन कब्जा कर लेने के मामले मे गुहार लगा रहे थे तो कोई सरकारी योजना का लाभ नही मिलने को लेकर डीएम से शिकायत कर रहा था। डीएम सबो की शिकायत सून रही थी और अपने अधीनस्थ पदाधिकारी एडीएम को उन मामलो मे एक्शन लेने की लगातार निर्देश दे रही थी । इन सब के बाद ऐसा लग रहा था कि बच्चों के हौसले के बल एवं उनके सपनों को नई उड़ान मिल गई हो। प्रिया डीएम बनकर तो प्रभा एसपी बनकर उपस्थित बच्चियों को ही नही बल्कि तमाम बच्चियों को संदेश दे रही थी कि हमारे सपने के साथ-साथ हमारे हौसले में भी बल है। सीतामढ़ी डीएम की यह अनोखा पहल वाकई काबिल-ए-तारीफ है|
Source: Sitamarhi Facebook Page