बिहार के मुजफ्फरपुर की शाही लीची उस जिला के साथ बिहार का पहचान बन चुकी है| पुरे देश और दुनिया में शाही लीची को पसंद करने वाले लोग हैं| पुरे देश में कुल लीची के पैदावार का 52 फीसदी लीची अकेले मुजफ्फरपुर से आता है| इसीलिए लीची बिहार का गौरव बन चुका है|
वैसे तो मुजफ्फरपुर के लीची का निर्यात पुरे देश में होता है मगर हर साल खास तौर पर बिहार सरकार देश के राष्ट्रपत्ति और प्रधानमंत्री को लीची भेजती है| इस साल भी खासतौर पर लीची इन गण्यमान लोगों को भेजी गयी है| यह 3 जून को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित एक हजार गणमान्यों के आवास पर पहुंचेगी|
दरअसल बिहार सरकार की ओर से मुजफ्फरपुर की प्रसिद्ध शाही लीची प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ मोदी कैबिनेट के सभी मंत्रियों को भेजी गई है| ज्ञात हो कि पिछले 14 सालों से नई दिल्ली के माननीयों को शाही लीची भेजने की पंरपरा चली आ रही है| वर्ष 2005 में सीएम बनने के बाद नीतीश कुमार ने मुजफ्फरपुर की शाही लीची और भागलपुर के जर्दालु आम हरेक साल भेजना शुरू किया था जो अब तक कायम है|
शासन की ओर से हरेक साल लीची भेजने वाले आर के केडिया बताते हैं कि इस बार भी शाही लीची के बागानों की देखभाल साल भर पहले से करनी शुरू की गई थी, लेकिन तापमान 42 से 44 डिग्री सेल्सियस होने और मई माह में बारिश नहीं होने के कारण शाही लीची को न तो सही आकार मिला न ही कलर और मिठास| फिर भी पीएम और राष्ट्रपति के भेजे जाने वाले शाही लीची के लिए जिले के 50 बागानों से लीची मंगवाई गई| सर्वे के बाद मंगवाई गई लीची को नई दिल्ली से ग्रेडिंग के लिए आए 25 सदस्यीय एक्सपर्ट दल ने बिना दाग वाले और अच्छी गुणवत्ता वाले फ्रेश लीची का चयन किया|