देश की ज्यादातर आवादी गांवों में रहती मगर फिर भी विकास के मामले में गाँव हमेशा पिछड़ा ही रहा है| शहरें तेजी से विकास कर रही हैं मगर गावों में मूलभूत सुविधाओं की भी कमी हैं| इसीलिए अब सरकार गाँव को ध्यान में रखकर योजनायें बना रही है|
स्वच्छ भरता मिशन के तहत गाँव में शौचालय का निर्माण युद्धास्तर पर जारी है| इसी कड़ी में बिहार सरकार ने एक अगला आदेश दिया है| नगरपालिकाओं के तर्ज पर अब राज्य के गांवों से भी घर-घर से कचरे का उठाव किया जायेगा|
इसको लेकर पंचायती राज विभाग ने सभी जिलों के डीएम को निर्देश दिया है कि दो अक्तूबर (गांधी जयंती) तक इसकी व्यवस्था कर ली जाए| इसके तहत सभी 8391 ग्राम पंचायतों के एक लाख 14 हजार वार्डों से डोर टू डोर गीला और सूखा कचरा एकत्र किया जायेगा| फिर इसको अलग किया जायेगा और कचरे का प्रबंधन किया जायेगा|
पंचायतों को यह भी छूट दी गयी है कि वह खर्च की राशि अपने संसाधनों से या 14वें वित्त आयोग के अनुदान व पंचम राज्य वित्त आयोग के अनुदान से जुटा सकती हैं| इस मद में खर्च के लिए पंचायतें आम सहमति से स्वच्छता शुल्क भी वसूल सकती हैं|
सभी डीएम को कहा गया है कि दो वार्डों पर स्वच्छता कर्मी इसका संयुक्त रूप से संचालन करेंगे| पंचायत को वार्ड के हर घर से सूखा व गीला कचरा का उठाव करना है| इसके लिए अलग-अलग कूड़ेदान रखे जायेंगे| हर गांव में पंचायत द्वारा निर्धारित स्थल पर वर्मी कंपोस्ट इकाई तैयार करने का भी प्रावधान किया गया है| यह माना जा रहा है कि प्रति पंचायत सालाना 10 लाख से कम राशि में ही साफ-सफाई की पक्की व्यवस्था हो सकती है|
पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने बताया कि मुख्यमंत्री का निर्देश है कि गांवों को भी शहरों के तर्ज पर साफ-सुथरा बनाया जाये| उन्होंने बताया कि ठोस कचरा प्रबंधन के लिए हर घर को दो डस्टबीन दिये जायेंगे| साथ ही हर दो वार्ड पर एक छोटी ठेला गाड़ी की व्यवस्था की जानी है|
यह काम पंचायतों में जीविका संगठनों के माध्यम से भी कराया जा सकता है| अगर जीविका संगठन इस कार्य के लिए तैयार नहीं हो तो आउटसोर्सिंग के जरिये ठोस कचराप्रबंधन कराया जा सकता है| ठोस कचरे से वर्मी कंपोस्ट तैयार किया जा सकता है, जिसकी बिक्री कर पंचायतें अपने संसाधनों में वृद्धि कर सकती हैं| पंचायतों में हर 15 दिनों पर नालियों में चक्र के अनुसार सफाई और चूना व ब्लीचिंग पाउडर के छिड़काव की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है|