अक्सर कहा जाता है ‘एक बिहारी सब पर भारी’. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है बिहार की बेटी मोना दास ने. बिहार मूल की मोना अपने पहले ही प्रयास में अमेरिका में वाशिंगटन राज्य के 47वें जिले की सीनेटर चुनी गई हैं.
इस मौके की ख़ास बात यह थी की डेमोक्रेटिक पार्टी की सदस्य मोना ने शपथ ग्रहण समारोह के दौरान अमेरिकी सीनेट में हिंदू धर्मग्रंथ गीता के साथ अपने पद की शपथ ली. मोना डेमोक्रेटिक पार्टी कि सदस्य हैं और पहली बार चुनाव प्रत्याशी के रूप में खड़ी हुई थी.
बिहार के दरियापुर गाँव से निकली अमेरिका की सीनेट
मोना दस बिहार के मुंगेर ज़िले के हवेली खड़गपुर अनुमंडल के दरियापुर गाँव की रहने वाली हैं. उनके दादा डॉ. गिरीश्वर नारायण दास गोपालगंज जिले में सिविल सर्जन थे. उनके पिता सुबोध दास एक इंजीनियर हैं और सेंट लुईस एमओ में रहते हैं. मोना का परिवार अमेरिका चला गया जब महज़ उनकी उम्र आठ महीने की थी. मोना सिनसिनाटी यूनिवर्सिटी से मनोविज्ञान में ग्रेजुएट.
महिलाओं के लिए करेंगी काम
47 वर्षीय मोना दास ने हाथ में गीता के साथ 14 जनवरी को सीनेटर के रूप में शपथ ली, कहा उन्हें अपने वंश पर नाज़ है. उन्होंने सभी को मकर संक्राति की बधाई दी और अपने भाषण की शुरुआत में कहा,
“नमस्कार और प्रणाम आप सबको … मकर संक्रांति की बधाई हो आप सबको”.
भारत मूल की मोना ने चुनाव मे ‘महिला कल्याण, सबका मान’ और ‘जय हिंद और भारत माता की जय’ का सन्देश दिया और अंततः सबका समर्थन प्राप्त कर अमरीका की सीनेट की सदस्य बनी. मोना ने अपने संदेश में लड़कियों को शिक्षित करने की बात कही. महिला सीनेटर होने के नाते वो समाज के प्रति अपनी ज़िम्मेदारियों को समझती है तथा उन्होंने लड़कियों को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने का फैसला किया है. इस अवसर पर मोना ने राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी याद किया.
उन्होंने कहा, “जैसे महात्मा गांधी और वर्तमान महान और गतिशील नेता प्रधानमंत्री मोदी जी ने कहा, शिक्षा जीवन में लड़कियों के लिए सफलता की कुंजी है. एक लड़की को शिक्षित करके आपने एक पूरे परिवार और लगातार पीढ़ियों को शिक्षित किया है.”
वाइस चेयरमैन के रूप में करेंगी काम
मोना दस ने अपने प्रतिद्वंद्वी और दो बार से निर्वाचित रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर जो फैन को हराया है. वह सीनेट हाउसिंग स्टैबिलिटी एंड अफोर्डेबिलिटी कमेटी की वाइस चेयरमैन के रूप में काम करेंगी. वह सीनेट परिवहन समिति, सीनेट वित्तीय संस्थानों, आर्थिक विकास और व्यापार समिति और सीनेट पर्यावरण, ऊर्जा और प्रौद्योगिकी समिति पर भी काम करेंगी. इस सत्र में मोना का ध्यान पर्यावरण, रंग के समुदायों और महिलाओं के लिए समानता जैसे विषयों पर रहेगा.
मोना दास ने खुलकर अपने बिहार आने की बात का ज़िक्र किया है. उन्होंने कहा “मेरी इच्छा है कि मैं बिहार में दरियापुर में अपने पैतृक घर पर जाऊं और भारत के बाकी हिस्सों में घूमने जाऊं ताकि अपने मूल देश के बारे में अधिक से अधिक विविध संस्कृति के बारे में जान सकूं.”