पुलिस टीम के उपर बड़े हमले की तैयारी थी. पुलिस वालों की हत्या कर उनके कस्टडी से जेल में बंद अपराधी को छुड़ाने की प्लानिंग सेट की गई थी. अपराधी हथियार से लैश थे. सबकुछ सेट था. लेकिन अपराधियों की इस प्लानिंग को रोहतास पुलिस ने फेल कर दिया. अब इस घटना को अंजाम देने वाले अपराधी रोहतास पुलिस के गिरफ्त में है. दरअसल, रोहतास पुलिस को एक इनपुट मिली थी. इनपुट ये कि सासाराम जेल में बंद कैदी परसथुआ निवासी सत्येंद्र सिंह के बेटे शुभम कुमार को बाल कल्याण परिषद में पेशी के दौरान पुलिस कस्टडी से छुड़ाने की खतरनाक साजिश रची गयी है.
अपराधियों के इस खतरनाक खेल का खुलासा करते हुए रोहतास एसपी सत्यवीर सिंह ने बताया कि अपराधियों ने एक फूलप्रूफ प्लान बनाया था. प्लान ये कि बाल कल्याण परिषद में जैसे ही शुभम को कैदी वाहन से उतारा जाता, उसी वक़्त पुलिस फ़ोर्स पर अटैक कर शुभम को छुड़ा लिया जाएगा. प्लान ये भी था कि पुलिसकर्मियों की आंखों में लाल मिर्च पाउडर झोंक कर उन्हें फायर करने के लायक भी नहीं छोड़ा जाएगा. यहां से शुभम को एक बाइक पर बिठा कर निकलना था और आगे खड़ी स्कार्पियो से लेकर निकल जाना था. अपराधियों ने प्लान किया था कि यदि पुलिस इसका विरोध करती है तो उनपर फायर करते हुए नहर के रास्ते निकल जाना है.
बता दें कि, इस इनपुट के बाद एसपी सत्यवीर सिंह ने बगैर समय गवाए एक टीम का गठन किया और अपराधियों को हर हाल में दबोचने का निर्देश दिया. टीम में शामिल सभी पुलिसकर्मी शुक्रवार को सासाराम जेल से लेकर बाल कल्याण परिषद तक सादे लिबास में तैनात थे. हर आने-जाने वालों पर कड़ी निगाह थी. तय समय के अनुसार सासाराम जेल से कैदी वाहन बाहर निकला. उस कैदी वाहन को सादे लिबास में मौजूद पुलिसकर्मी फॉलो कर रहे थे. गाड़ी कोर्ट की तरफ बढ़ रही थी. इसी दौरान एक अपाचे बाइक पर सवार दो संदिग्ध व्यक्ति पर पुलिस की नजर गयी. ये लोग कैदी वाहन का पीछा कर रहे थे. आखिर में बाल कल्याण परिषद से पहले ही दोनों अपराधियों को पुलिस ने दबोच लिया. पुलिस को इनपुट मिली थी कि अपराधियों की संख्या करीब 8 है. इसलिए पुलिस ने जाल बिछाए रखा. इसी बीच बाल कल्याण परिषद से ठीक आगे दो अपराधियों को अपाचे बाइक के साथ गिरफ्तार कर लिया गया. सर्च के दौरान अपराधियों के पास से लोडेड देशी कट्टा, 5 कारतूस, मोबाइल, नगद, एटीएम कार्ड, समेत अन्य कागजात बरामद किए गए. पूछताछ में पता चला कि इनलोगों ने शुभम को छुड़ाने के बाद गैस एजेंसी एवं पेट्रोल पम्प लूट और रंगदारी से जुड़ी बड़ी वारदात को अंजाम देने की प्लानिंग थी. गिरफ्तार अपराधियों ने चेनारी, परसथुआ और कैमूर जिले में भी बड़ी आपराधिक वारदातों में अपनी संलिप्तता स्वीकारी है. गिरफ्तार अपराधियों में भभुआ के दरौली निवासी पोरस पटेल सिंह का पुत्र मनीष पटेल, रोहतास के चेनारी निवासी विंध्याचल प्रसाद सेठ का पुत्र सोनू वर्मा, भभुआ के कुछीला निवासी तजमुल्ला अंसारी का पुत्र नसीम अंसारी और भभुआ के वार्ड 3 निवासी समजानी गद्दी का पुत्र मिंटू गद्दी शामिल है.
वहीं पुलिस को कन्फर्म सूचना थी कि बाइक से शुभम को छुड़ाने के बाद आगे स्कार्पियो से लेकर भागने की प्लानिंग थी. इससे पहले कि पुलिस स्कार्पियो तक पहुचती, अपराधी फरार हो गए. पुलिस के अनुसार उस स्कार्पियो में चार अपराधी सवार थे. शायद उन्हें पुलिस के एक्शन की भनक मिल गयी थी. इसलिए वे फरार हो गए. हालांकि, पुलिस सूत्रों के अनुसार स्कार्पियो सवार अपराधियों की पहचान कर ली गयी है. उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.
रोहतास एसपी सत्यवीर सिंह ने बताया कि शुभम का मोबाइल सर्विलांस पर था. इसी दौरान उसके साथी उसे पुलिस सुरक्षा से छुड़ाने की प्लानिंग कर रहे थे. सर्विलांस से ही पुलिस को इस प्लानिंग की सूचना मिली थी. सूचना के बाद स्पेशल टीम बना कर अपराधियों के खतरनाक प्लान को फेल कर दिया गया.