बिहार में नए राज्यपाल के रूप में लालजी टंडन के कार्यभार संभालने के साथ ही राज्य के विश्वविद्यालयों में हलचलें तेज हो गई है. राज्य में दीक्षांत समारोह के कार्यक्रम और ड्रेस कोर्ड तय कर दिए गए हैं| नए ड्रेस कोर्ड महिला ग्रेजुएट के लिए सलवार कुर्ता या साड़ी परिधान है जबकि पुरुष के लिए कुर्ता पायजामा या धोती कुर्ता में नजर आना होगा| इतना ही नहीं दीक्षांत समारोह में शामिल होने वाले कुलाधिपति से लेकर मुख्य अतिथि तक के ड्रेस में बदलाव किया गया है| तमाम अतिथियों के लिए मालवीय पगड़ी अनिवार्य कर दिया गया है|
वहीं छात्राओं के लिए यह निर्देश दिया गया है कि वह लेमन या यलो कलर की साड़ी या फिर वाइट कलर का सलवार और लेमन या येलो कलर का कमीज पहनेंगी| उन्हें भी अंगवस्त्रम और मालवीय पगड़ी पहनना अनिवार्य होगा|
तीन कुलपतियों की कमेटी ने की अनुशंसा
विश्वविद्यालयों में कार्य प्रणाली को दुरुस्त करने और उच्च शिक्षा में गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए राजभवन के स्तर पर एक साथ कई कवायद चल रही हैं। इसी कड़ी में दीक्षांत समारोह समय पर आयोजित करने के लिए तीन कुलपतियों की कमेटी गठित की गई थी। कमेटी ने दीक्षांत समारोह नवंबर महीने में कराने की अनुशंसा की।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि कोई विश्वविद्यालय नवंबर में दीक्षांत समारोह आयोजित करने में असमर्थता जाहिर करते हैं तो ऐसी स्थिति में उन्हें इसके कारण बताते हुए राजभवन को कम से कम चार सप्ताह पूर्व इसकी सूचना देनी होगी। चांसलर को विशेषाधिकार होगा कि वह विश्वविद्यालय के आग्रह को स्वीकार करते हैं अथवा नहीं। यदि आग्रह स्वीकार किया जाता है तो ऐसी स्थिति में आयोजन की तिथि बदली जा सकेगी, बावजूद दिसंबर में हर हाल में दीक्षांत समारोह आयोजित किए जाएंगे।