एक और बिहारी अधिकारी को एक बड़ी जिम्मेदारी मिला है| बिहार के सीतामढ़ी जिले के चोरौत प्रखंड के अमनपुर गांव निवासी रामप्रवेश ठाकुर को आंध्रप्रदेश सरकार ने डीजीपी बनाया है।
1986 बैच के आईपीएस अधिकारी रामप्रवेश ठाकुर डीजीपी बनने से पूर्व आंध्रप्रदेश में एंटी करप्शन विभाग के डीजी थे।
आंध्रप्रदेश कैडर में वह एसपी से लेकर एंटी करप्शन के डीजी और अब डीजीपी बने हैं।
डीजीपी के तौर पर नियुक्त किये जाने के बाद पूरे बिहार सहित सीतामढ़ी जिले में खुशी की लहर है| वह 2002 से 2007 तक पटना में सीआईएसएफ और डीआईजी भी रह चुके हैं| आरपी ठाकुर सेवानिवृत अंकेक्षक रामदेव ठाकुर के इकलौते पुत्र हैं| उनकी मां आशा देवी का निधन हो चुका है|
सीतामढ़ी में हुई प्रारंभिक शिक्षा
अमनपुर निवासी सेवानिवृत्त अंकेक्षक रामदेव ठाकुर के इकलौते पुत्र राम प्रवेश ठाकुर की प्रारंभिक शिक्षा सुरसंड प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय बखरी में हुई थी। मैट्रिक की शिक्षा ननिहाल रीगा प्रखंड के बभनगामा हाईस्कूल से ली। आइआइटी कानपुर से बीटेक कर रेलवे में इंजीनियर की नौकरी की। ट्रेनिंग समाप्त होते ही यूपीएससी की परीक्षा पास की। इसके बाद रेलवे की नौकरी छोड़ आइपीएस ज्वाइन कर ली।
गांव में पुश्तैनी मकान व खेती की जमीन है। यदा-कदा गांव भी आते रहते हैं। उनके भांजे सुरसंड प्रखंड के हनुमाननगर निवासी अविनाश कुमार ने बताया कि ईमानदार अधिकारी के होने के कारण आंध्र प्रदेश सरकार ने उन्हें डीजीपी बनाया है। वहीं, चचेरे भाई शिक्षक राम अनेक ठाकुर व किसान साधु शरण ठाकुर ने बताया कि रामप्रवेश ठाकुर ने न केवल गांव, बल्कि जिला व बिहार का नाम रोशन किया है।